रुड़की। विश्व आयुर्वेद परिषद रुड़की द्वारा नगर निगम हाल रुड़की में आज माघशीर्ष पूर्णिमा के अवसर पर सांस, दमा, पुराना नजला, खांसी आदि की औषधि खीर का निःशुल्क शिविर आयोजित किया गया, जिसमें लगभग 500 लोगों ने औषधि खीर सेवन का लाभ लिया। डॉ आशुतोष सिंह द्वारा संचालित कार्यक्रम में भगवान धन्वंतरि का पूजन अर्चन माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। मुख्य अतिथि के रुप में अनूप शुक्ला ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आयुर्वेद हानि रहित है और बहुत सारी अचूक औषधियां है, जिनमें से एक अचूक नुस्खा यह औषधि खीर है। इसका लाभ वह कई बार ले चुके हैं।
विश्व आयुर्वेद परिषद उत्तराखंड के संस्थापक सदस्य प्रदेश सचिव व इस औषधि खीर के निर्माता वैद्य टेक वल्लभ ने खीर के विषय में विस्तार से बताते हुए कहा कि यह औषधि खीर दुर्लभ औषधियों के शास्त्र अनुसार विधि से दोहन व दुर्लभ जड़ी बूटियों वह गाय के दूध के मिश्रण से विधि पूर्वक निर्माण करके शरद पूर्णिमा कार्तिक, पूर्णिमा व मार्गशीर्ष की पूर्णिमा और रात्रि में चंद्रमा की किरणों में रखकर प्रातकाल खाली पेट सेवन की जाती है, यह सांस, दमा, पुराना, नजला, खांसी, सर्दी व कफ रोगों में गुणकारी है और इन्हीं रोगों से बचाव करती है। रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करती है। पहले लाभ ले चुके कुछ रोगियों को हुए लाभ का पूछे जाने पर कुछ रोगियों अनमोल जिंदल और पूजा साहनी आदि ने बताया कि उनको इस खीर के सेवन से बहुत लगी अधिक लाभ हुआ है। कार्यक्रम में डॉक्टर प्रेमचंद शास्त्री, डॉ. जितेंद्र सिंह आदि ने विचार रखे। इस अवसर पर डॉ. प्रदीप त्यागी, डॉ. शशि मोहन गुप्ता, डॉक्टर सुधीर गुप्ता, डॉ. विनोद गुप्ता, डॉक्टर इंद्रेश, संदीप भाटी, हर्ष अरोरा, सुरेंद्र रोड आदि ने सहयोग किया।

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