रुड़की। ( बबलू सैनी ) नंद विहार में विराट कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें कवियों ने एक से बढ़कर एक कविता सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कवि सम्मेलन का शुभारम्भ महामंडलेश्वर यतीन्द्रानंद गिरी महाराज ने मां सरस्वती के चित्र के सम्मुख द्वीप प्रज्जवलित कर किया। वीर रस के राष्ट्रीय कवि किसलय क्रांतिकारी के संचालन मे हुये कवि सम्मेलन में कवियत्री संस्कृति पुरी ने सरस्वती वंदना से कवि सम्मेलन का आगाज किया। वहीं कार्यक्रम में प्रख्यात गजलकार पंकज गर्ग ने पढ़ा कि- ‘सारी नफरत आज जला दो होली में, इत्र मोहब्बत का छिड़का दो होली में’, वहीं कवि विनय प्रताप सिंह ने पढ़ा कि- मीठा-मीठा प्यारा सा ख्याल बेटियां, पूजा के सजे हुये थाल बेटियां। साहित्यकार डॉ. राजकुमार उपाध्याय ने कहा कि माटी को नमन, राष्ट्र धाती को नमन, बलिदानों की महान परिपाठी को नमन। प्रवीण पुरी ने कहा कि शरहदों पर जो निगहबानी करें, उनके चरणों में हम नमन करें। वहीं किसलय क्रांतिकारी ने कहा कि अपमान भारती का अब न सहेंगे, अपमान तिरंगे का अब न सहेंगे। इस मौके पर कवि अजय त्यागी, कु. राम योगाचार्य, युवा शायर मयंक वर्मा, कवि शौर्य भटनागर, राजेन्द्र सैनी, अनिल अमरोली, तेजपाल सिंह ने भी काव्य पाठ किया। यह सम्मेलन होली मिलन समिति नंदविहार के द्वारा सम्पन्न कराया गया। इस दौरान अध्यक्ष विनोद कुमार, विनीत, रोमा, सुरेश, सचिन, अवनीश, मुकेश, पवन, मोहित, डॉ. सुशील, रविन्द्र, लोकेश, संजय कुमार, धीर सिंह, जंगू सिंह, सोनू, ब्रजेश आदि मौजूद रहे। इससे पूर्व समिति के सभी पदाधिकारियों ने कवियों का माल्यार्पण कर स्वागत किया।

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