रुड़की।
शुक्रवार को क्वाड्रा इंस्टिट्यूट ऑफ आयुर्वेद, रुड़की में हरेला पर्व का कार्यक्रम बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।संस्थान के सचिव डॉ. रकम सिंह ने संस्थान में औषधि व छायादार वृक्ष लगाकर प्रकृति संरक्षण जागरूकता के लिये प्रेरित किया और कहा कि हरेला पर्व का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण और जल संरक्षण है। पर्यावरण संरक्षण से ही धरती पर जीवन संरक्षण हो सकता है। डॉ. रकम सिंह ने संस्थान के अध्यापकों, चिकित्सकों को पौधे भेंट किये और कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को हर वर्ष कम से कम दस वृक्ष लगाने का संकल्प लेना चाहिये और लगे हुए पेड़ों के संरक्षण के लिये भी जागरूक रहना चाहिये। कोविड महामारी के दौरान व्यक्ति ने ऑक्सीजन की महत्वता और आवश्यकता को देखते हुए हमें प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाना ही होगा और पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्द्धन हेतु सदैव संकल्पबद्ध रहना होगा। क्वाड्रा संस्थान में समय-समय पर वृक्षारोपण कार्यक्रम किये जाते हैं। जिसके फलस्वरूप क्वाड्रा संस्थान प्रदूषण रहित संस्थान है। प्रधानाचार्य डॉ. प्रदीप कुमार ने कहा कि हरेला पर्व भारतीय संस्कृति को उजागर करने का पर्व है। इस अवसर पर प्रधानाचार्य ने कार्यक्रम में क्वाड्रा इंस्टिट्यूट ऑफ आयुर्वेद के समस्त चिकित्सक, अध्यापकों को वृक्षों के संरक्षण की शपथ दिलाई और सभी से अधिक से अधिक वृक्ष लगाने का आह्वान किया। कार्यक्रम में नरेन्द्र सिंह, यथार्थ तिवारी, संजय सैनी, डॉ. जितेन्द्र शर्मा, डॉ. चारू शर्मा, डॉ. कमलेश्वर प्रसाद, डॉ. रजनीकान्त, डॉ. जी०के० शर्मा, डॉ. सौरभ कुमार, डॉ. सौरभ कुमार चौहान, डॉ. अमित चौधरी, डॉ. रचना गुप्ता, डॉ. सरोज पाण्डे, डॉ. शैरोन प्रभाकर, डॉ. सौरभ कुमार, डॉ. विवेक ठाकुर, डॉ. योगेश कुमार सिसोदिया, डॉ० रश्मि, डॉ. एकता नैथानी, डॉ. मनप्रीत कौर, डॉ. नेहा, डॉ. सुजाता, दीपक कुमार, शुभम कुमार, अक्षय कुमार आदि मौजूद रहे।
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