रुड़की।
भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के जिलाध्यक्ष विजय शास्त्री ने प्रेस को जारी ब्यान में बताया कि कल 26 मई को किसान आंदोलन जो 3 कृषि कानून के विरोध को लेकर दिल्ली के चारों बॉर्डर पर चल रहे हैं, उनको 6 महीने पूर्ण होने पर काला दिवस मनाया जाएगा।
उन्होंने किसान, मजदूर व आम जनता से अनुरोध किया है कि देश में कोरोना महामारी के चलते उत्तराखंड में कोई भी सामूहिक कार्यक्रम नहीं होगा। सभी अपने घरों पर गाड़ियों, ट्रैक्टरों पर काला झंडा व गांव के चौराहे पर प्रधानमंत्री व केंद्र सरकार का पुतला दहन अपने गांव में ही करें। इससे प्रचार- प्रसार गांव-गांव में होगा और किसानों में जागरुकता भी आएगी।
जब तक कानून वापस नहीं होंगे। इसी तरीके से किसान, मजदूर सरकार का विरोध करते रहेंगे। यह सरकार जब केंद्र में आई थी, तो किसानों के साथ बड़े-बड़े वादे किए थे कि किसानों के कर्ज माफ किए जाएंगे, किसानों के खाते में 15-15 लाख रुपए आएंगे, डीजल-पेट्रोल सस्ता किया जाएगा, लेकिन किसानों के तो अच्छे दिन नहीं आए, बल्कि उद्योगपतियों के अच्छे दिन आए हैं। हम सरकार का पूर्ण रूप से विरोध करते हैं और निवेदन करते हैं कि उत्तराखंड की जनता काले दिवस को अधिक से अधिक मनाने का काम करें ताकि सरकार का विरोध हो सके।