रुड़की।  ( आयुष गुप्ता ) हरिद्वार डीएफओ (उप वन संरक्षक) मयंक शेखर झा ने 29 सितंबर 2022 को रुड़की रेंजर विनय राठी को वन दरोगा अमित त्यागी के निलंबन के आदेश जारी किये।
ज्ञात रहे कि वन संरक्षक, शिवालिक वृत्त उत्तराखण्ड देहरादून के पत्र के माध्यम से अमित त्यागी वन दरोगा को मंगलौर बीट में लीची के बाग में अवैध पातन कराने व अवैध कटान की एवज में अवैध वसूली करने संबंधी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के संबंध में प्रथम दृष्टता दोषी पाये जाने पर अनुशासनिक कार्यवाही प्रस्तावित करते हुए तत्काल निलंबन किया गया हैं। जिसमें डीएफओ हरिद्वार ने रुड़की रेंजर को वन दरोगा अमित त्यागी के विरूद्ध आरोप पत्र तैयार कर 15 दिन के अंदर प्रस्तुत किये जाने हेतू निर्देशित किया गया हैं। चूंकि उत्तम कुमार सिंह पुत्र प्रीतम सिंह निवासी लालबाड़ा मंगलौर हरिद्वार का शिकायत पत्र दिनांक 3 अगस्त को सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो से संबंधित हैं, में जांच अधिकारी इस कार्यालय के पत्रांक 1026/17-20 दिनांक 9 सितंबर एवं पत्रांक 1211/21-5 दिनांक 20 सितंबर से आपको नियुक्त किया गया हैं एवं उक्त प्रकरण की जांच आपके द्वारा की जानी हैं। साथ ही डीएफओ मयंक शेखर झा ने रेंजर रुड़की विनय राठी को एक सप्ताह के अन्दर अपनी रिपोर्ट उन्हें प्रस्तुत करने का आदेश जारी किया हैं।
ज्ञात रहे कि अगस्त माह में मंगलौर में बस स्टैण्ड के सामने लीची के बाग से अवैध रुप से पेड़ों का पातन किया गया था। इस संबंध में रेंजर विनय राठी, वन दरोगा अमन सैनी व बीट अधिकारी अमित त्यागी को सूचना दी गई थी। जिस पर बीट अधिकारी अमित त्यागी ने ठेकेदार से सांठ-गांठ कर उक्त मामले को रफा-दफा कर दिया था। जब इस मामले में रेंज स्तर पर कोई कार्यवाही नहीं हुई, तो शिकायतकर्ताआंे ने इस प्रकरण की जांच की मांग मुख्य वन संरक्षक से की थी। जिसके बाद मुख्य वन संरक्षक देहरादून द्वारा हरिद्वार डीएफओ से रिपोर्ट तलब की गई। रिपोर्ट के अनुसार डीएफओ हरिद्वार मयंक शेखर झा ने शिकायत व वायरल वीडियो के आधार पर तत्काल रुप से बीट अधिकारी/वन दरोगा अमित त्यागी को सस्पेंड करते हुए रुड़की रेंजर को जांच अधिकारी नियुक्त करते हुए 15 दिन के अंदर आख्या मांगी।
दिलचस्प बात यह है कि यह कार्रवाई सिर्फ एक कर्मचारी के खिलाफ हुई, जबकि न तो वन दरोगा अमन सैनी और न ही रुड़की रेंजर विनय राठी के खिलाफ कोई एक्शन लिया गया। जिससे एक तो साफ है कि विभाग ने भी छोटे ही कर्मचारी पर कार्रवाई की और अन्य अधिकारी को बचा लिया गया। जबकि उक्त प्रकरण में डीएफओ द्वारा नियुक्त किये गये जांच अधिकारी रंेजर विनय राठी और सर्किल इंचार्ज/वन दरोगा अमन सैनी की संलिप्तता भी शिकायतकर्ता द्वारा जताई गई थी। अब इस मामले में क्या सच और क्या झूठ निकलेगा, यह तो आने वाला समय ही बता पायेगा।

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