रुड़की। ( बबलू सैनी )
आज महात्मा ज्योतिबा फुले सैनी धर्मशाला में देश की प्रथम महिला शिक्षिका माता सावित्रीबाई फुले का जन्मदिन हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता समय सिंह सैनी तथा संचालन शिक्षक नेता भोपाल सिंह सैनी द्वारा किया गया।
सर्वप्रथम सभी आगंतुकों द्वारा माता सावित्री बाई फुले के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर सभी वक्ताओं ने शिक्षा एवं नारी उत्थान के लिए माता सावित्रीबाई फुले द्वारा किए गए कार्यों का स्मरण कर उनके संघर्षों को याद किया गया। अपने उद्बोधन में उत्तराखंड पिछड़ा वर्ग आयोग की अध्यक्ष डॉ. कल्पना सैनी ने कहा कि आज भी नारी शिक्षा के लिए बहुत काम किया जाना शेष है तथा हमें सावित्रीबाई फुले के दिखाए रास्ते पर चलकर महिलाओं की शिक्षा के लिए बहुत अधिक कार्य करने की आवश्यकता है। नगर के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद डॉ. श्याम सिंह नाग्यान ने कहा कि शिक्षा ही मानव को विकास की ओर अग्रसर कर सकती है तथा समाज को शिक्षित बनाने के लिए ही माता सावित्रीबाई फुले ने जीवन भर संघर्ष किया। इस अवसर पर नगर के ओज के कवि डॉ. विनय प्रताप सिंह ने अपने गीत “सावित्रीबाई फुले जी के ज्ञान के लिए, आगे बढ़ो सदा स्वाभिमान के लिए” सुनाया, तो सदन में हर्ष की लहर दौड़ गई। दीपा सैनी ने अपने भाषण में सावित्रीबाई फुले द्वारा किए गए सामाजिक कार्यों को याद करते हुए उन्हें अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए। प्रमुख समाजसेवी राजकुमार सैनी द्वारा भी इस अवसर पर समाज को सावित्रीबाई फुले द्वारा दिखाए गए रास्ते पर आगे बढ़ने का आवाहन किया गया। जाने-माने पत्रकार तथा लोकतांत्रिक जनमोर्चा के संयोजक सुभाष सैनी द्वारा बताया गया कि हमें अपने बच्चों में शिक्षा के प्रचार-प्रसार पर विशेष ध्यान देना होगा तभी समाज का उत्थान संभव है। इस अवसर पर नगर के वरिष्ठ कवि एसके सैनी द्वारा अपनी एक रचना “तुम्हीं ने गर्व से जीना सिखाया माता सावित्री” सुना कर उनके जीवन पर प्रकाश डाला। उन्होंने अपने संबोधन में यह भी कहा कि हमें शिक्षा के माध्यम से अंधकार और अंधविश्वास से बाहर निकल कर विकास और प्रकाश की तरफ जाना है। सफल संचालन करते हुए भोपाल सिंह सैनी ने कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है कि हमारे समाज में महात्मा ज्योतिबा फुले तथा उनकी धर्मपत्नी श्रीमती सावित्री बाई फुले का जन्म हुआ, जिन्होंने दलितों पिछड़ों और शोषितों के लिए बहुत से कल्याणकारी कार्य किए हैं। सभा में सर्वसम्मति से यह मांग भी की गई कि सावित्रीबाई फूले को देश की प्रथम महिला शिक्षिका होने के नाते तथा उनकी समाज सेवा को देखते हुए उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया जाना चाहिए। कार्यक्रम में मुल्कीराज सैनी, हरपाल सिंह सैनी, सुरेश चंद सैनी, सेवानिवृत्त तहसीलदार मेनपाल सिंह आदि ने भी अपने विचार प्रकट किए। कार्यक्रम में राजेंद्र कुमार सैनी, कुंवर पाल सैनी, डॉक्टर राम सुभाग सिंह, संजय सैनी, रामेश्वर प्रसाद, वीरेंद्र आचार्य, सतीश सर्राफ, प्रमोद कुमार पूर्व प्रधानाचार्य, सौसिंह सैनी आदि अनेक गणमान्य लोगों ने भाग लिया। अंत में समय सिंह सैनी द्वारा सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया गया।
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