रुड़की। ( आयुष गुप्ता )
राजनीति में भी “जिहाद” की बढ़ती सक्रियता के खिलाफ आज श्री राम दल के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र सैनी व विश्व दलित परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चमार ने संयुक्त रूप से जिला निर्वाचन आयोग व जिला प्रशासन से ऐसे लोगों को चिन्हित कर कानूनी कार्रवाई करने की मांग की।
आज रामनगर स्थित एक होटल में पत्रकारों को जानकारी देते हुए स्वतंत्र सैनी ने बताया कि चुनाव आयोग और जिला प्रशासन ऐसे लोगों पर विशेष रूप से निगरानी रखें, जो लोग राजनीतिक लाभ के उद्देश्य से दलित समाज की महिलाओं से शादी होने के गैरकानूनी तरीके से प्रमाण पत्र हासिल कर लेते है। चुनाव आयोग व जिला प्रशासन ऐसे लोगों पर नकेल कसे। साथ ही यह भी अवगत कराया कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ऐसे अनेक मामले जनपद भर में सामने आए, जहां आरक्षित सीट पर मुस्लिम वर्ग के लोगों ने एससी समाज की महिला से शादी कर उनके आरक्षित जाति प्रमाण पत्र गैर कानूनी ढंग से हासिल किए और पर्चा दाखिल कर पंचायत का चुनाव जीता। इसके अलावा भगवानपुर, सुल्तानपुर व ज्वालापुर विधानसभा क्षेत्र के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी कई प्रकार के मामले हैं, जिनमें प्रशासन ने उदासीन रवैया दिखाते हुए ऐसे लोगों को बढ़ावा दिया। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग जहां आरक्षित समाज को धोखा देने का काम करते हैं, तो वही हिंदू समाज की लड़कियों को जाल में फंसा कर उनका हर तरह से शोषण करते हैं और उनका धर्म परिवर्तन करा लेते हैं, लेकिन राजनीतिक स्टंट के चलते उनका गैरकानूनी ढंग से जाति प्रमाण पत्र हासिल कर उसे अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करते हैं। साथ ही उन्हें राजनीतिक ताकत टी मिलती ही है, उनका लव जिहाद का सपना भी पूरा होता है। उन्होंने इसका उदाहरण देते हुए कहा कि सालियर साल्हापुर जिला पंचायत सीट से विमला देवी उर्फ आइसा परवीन पत्नी मुहम्मद अनीस ने जिला पंचायत का कार्यकाल पूरा किया है। बताया कि मुहम्मद अनीस का पहला विवाह मुस्लिम रीति रिवाज से बिलकिस जहां के साथ हुआ था। लेकिन राजनीतिक स्टंट के चलते उन्होंने विमला देवी से विवाह किया। उन्होंने प्रशासन व जिला निर्वाचन आयोग से विमला देवी का जाति प्रमाण पत्र निरस्त करने की मांग की। यदि जल्द ऐसा नही हुआ, तो श्रीराम दल हिन्दू धर्म के लोगों को साथ लेकर शासन व प्रशासन के विरुद्ध आंदोलन को बाध्य होना पड़ेगा। वही विश्व दलित परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह ने कहा कि कांस्टिट्यूशन (शेड्यूल कास्ट) ऑर्डर 1950 के पैरा 3 में उल्लेख है कि ऐसा कोई व्यक्ति, जो हिंदू, सिख व बौद्ध को मानने वाला है। वही अनुसूचित जाति का सदस्य हो सकता है। धर्म परिवर्तन करने पर (हिंदू, सिक्ख व बौद्ध धर्म छोड़ने पर) वह अनुसूचित जाति का सदस्य नहीं रह सकता हैं। गृह मंत्रालय भारत सरकार के परिपत्र संख्या 35/1/72-RU (SCT.V) न्यू दिल्ली 2 जुलाई 1975 के द्वारा अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति जाति का प्रमाण पत्र जारी करने से पूर्व उसका वास्तविक सत्यापन किया जाए तथा परिपत्र के पैरा 04 के सव पैरा 02 में अंकित किया गया कि यदि कोई अनुसूचित जाति की महिला हिंदू, बौद्ध, सिख धर्म के अतिरिक्त शादी करती है, तो शादी करने के बाद उसका अनुसूचित जाति का स्टेटस समाप्त हो जाएगा। भूपेंद्र सिंह ने कहा कि कॉन्स्टिट्यूशन (शेड्यूल कास्टस) आर्डर 1950 के पैरा 03 के तहत आईसा प्रवीन का उपरोक्त जारी अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र निरस्त होना चाहिए था। निर्वाचन के दौरान जिन अधिकारियों ने सांठगांठ कर यह फर्जी प्रमाण पत्र जारी किया है तथा मुहम्मद अनीस व उसकी पत्नी आईशा प्रवीन के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए। उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि मोहम्मद अनीस जिस विभाग में कार्यरत हैं, उसके खिलाफ भी अनुशासनात्मक कार्रवाई हो। साथ कहा कि धर्म परिवर्तन नियम/कानून का उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई हो। प्रेस वार्ता में राष्ट्रीय अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र सैनी, प्रदेश महामंत्री राकेश पाल, प्रदेश उपाध्यक्ष लोकेश कश्यप, जिला उपाध्यक्ष शेखर सैनी आदि मौजूद रहे।