रुड़की। ज्वाइंट डायरेक्टर मत्स्य उत्तराखंड, जिला सहकारी मत्स्य विकास एवं विपणन फेडरेशन हरिद्वार के एमडी एच.के. पुरोहित ने कहा कि भारत सरकार व राज्य सरकार की मंशा के अनुरुप मत्स्य विभाग एवं राष्ट्रीय सहकारिता विकास निगम हर सरकारी तालाब को मत्स्य पालन हेतु उपयुक्त बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं। जिसके चलते प्रदेश में 20 हैक्टेयर भूमि पर एक्वापार्क बनाया जा रहा हैं, जो मत्स्य का सिडकुल होगा। पुरोहित आज सहकारी मत्स्यजीवी समिति भिश्तीपुर के ग्राम भिश्तीपुर स्थित तालाब पर एनसीडीसी योजना से नवनिर्मित समिति कार्यालय एवं फीड स्टोर के उद्घाटन अवसर पर आयोजित विचार गोष्ठी को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।
एच.के. पुरोहित ने कहा कि जहाँ एक ओर देश के प्रधानमंत्री ने बीते वर्ष मत्स्य पलकों को केंद्रीय स्तर पर अलग से मत्स्य मंत्रालय के गठन की सौगात दी। वही इस वर्ष प्रधानमंत्री ने मत्स्य पालन को सहकारिता से जोड़कर सहकारी मत्स्यजीवी समितियों के साथ ही मत्स्य उत्पादन को भी एक नई दिशा और गति प्रदान करने का कार्य किया है। जो बेहद प्रशंसनीय कदम हैं। उन्होंने सहकारी मत्स्य जीवी समितियों के पदाधिकारियों को आश्वस्त करते हुए कहा कि सभी समितियां लक्ष्य के अनुरुप मत्स्य उत्पादन को गति प्रदान करें। क्योंकि अब फीड और सीड की पर्याप्त उपलब्धता के साथ ही समितियों की हर संभव मदद की जाएगी और किसी भी समस्या को आड़े आगे नही आने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि समितियां सरकार और शासन की मंशा के अनुरुप मत्स्य पालन के साथ-साथ तालाबों के बँधो का शत-प्रतिशत उपयोग बत्तख, पालन, मुर्गा पालन, साग-सब्जी एवं फलदार आदि के वृक्ष लगाकर करंे। क्योंकि इससे सहकारी समितियों को अतिरिक्त आय भी प्राप्त होगी। पुरोहित ने कहा कि दिसम्बर माह 2021 तक जो सहकारी मत्स्यजीवी समिति एनसीडीसी से जुड़ेगी। वह समिति आगे भी जुड़ी रहेगी। क्योंकि दिसम्बर माह के उपरांत किसी भी अन्य सहकारी मत्स्यजीवी समिति को एनसीडीसी से नही जोड़ा जाएगा। उन्होंने सभी समितियों से सरकारी योजनाओं के प्राप्त धनराशि के शत-प्रतिशत हिसाब रखने की भी बात कही। उप प्रबन्ध निदेशक एनसीडीसी देहरादून एवं सहायक मत्स्य निदेशक टिहरी श्रीमती गरिमा ने कहा कि हरिद्वार एकलौता प्रदेश का मैदानी जनपद है, जिसे एनसीडीसी योजना के संचालन हेतु शामिल किया गया है। इसलिए एक नई सोच और ऊर्जा के साथ सभी समितियां मत्स्य उत्पादन को गति प्रदान करंे तथा साथ साथ मिलकर आगे बढ़े। विचार गोष्ठि में श्रीमती गरिमा द्वारा जनपद हरिद्वार में एनसीडीसी योजना से निर्मित तालाबों में पंगेशियस उत्पादन वृद्धि को लेकर न केवल सहकारी मत्स्यजीवी समितियों का उत्साहवर्द्धन किया गया बल्कि फैडरेशन के साथ ही विभागीय अधिकारी यूपी सिंह, अमित पैन्यूली एवं अजय पांडेय की मेहनत को भी सराहा गया। जिला सहकारी मत्स्य विकास एवं विपणन फेडरेशन लि. हरिद्वार के चैयरमेन नेपाल सिंह कश्यप के संचालन में आयोजित विचार गोष्ठी को प्रभारी एनसीडीसी हरिद्वार एवं सहायक निदेशक मत्स्य चमोली यूपी सिंह, सीनियर इंस्पेक्टर मत्स्य एवं प्रभारी अधिकारी एनसीडीसी रुड़की/भगवानपुर अमित कुमार पैन्यूली, एनसीडीसी अधिकारी अजय पांडे, बडोनी, जोशी, प्रोबेटिक एवं जल रोग विशेषज्ञ गौतम राय आदि ने भी संबोधित करते हुए सहकारी समितियों का उत्साह एवं मार्गदर्शन किया। इस दौरान सहकारी समितियों के अध्यक्षों द्वारा तालाबों पर घेरबाड कराए जाने और अतिक्रमण की समस्या को प्रमुखता से उठाया गया। इसके साथ ही उन्होंने मत्स्य उत्पादन में सहयोग के लिए विभागीय अधिकारियों व जिला सहकारी मत्स्य विकास एवं विपणन फेडरेशन के एमडी एवं चैयरमेन का भी आभार व्यक्त किया। कार्यालय उद्घाटन एवं विचार गोष्ठी से पूर्व, विभागीय अधिकारियों ने फेडरेशन चेयरमैन नेपाल सिंह कश्यप के गांव थिथकी कवादपुर, खेड़ाजट, शेरपुर, नगला ऐमाद में सहकारी मत्स्यजीवी समितियों के तालाबों का निरीक्षण किया और एनसीडीसी योजना से तालाबों पर नवनिर्मित बत्तख फार्म, फीड स्टोर, समिति कार्यालय के साथ ही पंगेशियस मछली उत्पादन वृद्धि का भी जायजा लिया। कार्यालय उद्घाटन अवसर पर भिश्तीपुर अध्यक्ष बबिता, सचिव श्रवण कुमार, राजेश कुमार, रमेश कुमार आदि द्वारा मुख्य अतिथि एचके पुरोहित एवं उप प्रबन्ध निदेशक एनसीडीसी गरिमा का पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया गया। गोष्ठी में पप्पू सिंह, डॉ. नन्द किशोर, राजपाल, संजय कुमार, सुशील कुमार, बीके कश्यप सहित नारसन, भगवानपुर, लक्सर, बहादराबाद आदि ब्लॉक क्षेत्रांतर्गत सहकारी मत्स्यजीवी समितियों के दर्जनों पदाधिकारी एवं सदस्यगण मौजूद रहे।
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