रुड़की। ( आयुष गुप्ता ) ‘एक तू सच्चा, तेरा नाम सच्चा’ ईश्वरीय मंत्र के दृष्टा ऋषि सत्पुरूष बाबा फुलसंदे वाले ने कहा कि ईश्वर की अनंत ज्योति जल-थल सबमें फैली हैं। वर्षा ऋतु में जैसे छोटे-छोटे गड्ढों में पानी भर जाता हैं और उनमें सैकड़ों चंद्रमा चमकते दिखाई देते हैं, किंतु चंद्रमा तो एक ही हैं, इसी प्रकार सनातन पुरूष का प्रकाश सभी आत्माओं में चमकता रहता हैं। उन्होंने कहा कि मनुष्य में भी, देवी देवताओं में, पशु, पक्षु-पक्षियों, ज्ञानियों और अज्ञानियों में भी भगवान हैं। किंतु सनातन पुरूष परमात्मा तो एक ही हैं। अपने जीवन काल में जो लोग पुण्य कर्म कर दूसरों की मदद करते हैं। वे लोग

संसार रुपी कांटों के वन में विचरण करते हुए भी शांत बने रहते हैं। उन्होंने कहा कि इस पृथ्वी पर हम सभी लोग परब्रह्मा के आकाश में कुछ सितारों के रुप में थोड़ी देर की यात्रा के लिए उतरे हैं। यहां प्यार से रहे, दूसरों की मदद करें और विरोध न करें। हम मनुष्य की समझ में यह आ जाये, तो यही इस पूरे विश्व के लिए धर्म की आस्था हैं। इस दौरान कार्यक्रम का संचालन अशोक शर्मा ‘आर्य’ ने किया।

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