रुड़की। ( बबलू सैनी )
ग्राम आमखेड़ी के 65 वर्षीय पूर्व प्रधान के साथ भगवानपुर थाना प्रभारी पीडी भट्ट तथा आरोग्यं अस्पताल के चिकित्सक द्वारा दुर्व्यवहार करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। पूर्व-प्रधान ने प्रदेश के पुलिस महानिदेशक से लेकर तमाम आला अधिकारियों तक को शिकायती-पत्र प्रेषित कर आरोपियों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करने की मांग की।
कोतवाली मंगलौर अंतर्गत ग्राम आम खेड़ी के पूर्व प्रधान जसवीर सिंह पुंडीर ने प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को प्रेषित पत्र में बताया कि ग्राम करौंदी थाना भगवानपुर अंतर्गत आरोग्यम अस्पताल में 9 मार्च 2022 को ग्राम गडोला थाना गागलहेड़ी निवासी अपने साले घनश्याम को देखने गए थे। जहां पर उनके भतीजे आदित्य ने उन्हें उनके साले के बारे में बताया कि सांय 5:15 बजे चिकित्सक ने मृत्यु प्रमाण पत्र लिख दिया है और भगवानपुर पुलिस को सूचना देकर मामाजी के शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए लिख दिया है। किंतु इसके बावजूद भी चिकित्सक दवाइयां मंगवा रहे है और वेंटिलेटर पर रखा हुआ है। तब पूर्व प्रधान ने अस्पताल के चिकित्सक से बात की और कहा कि अगर उनके मरीज की मृत्यु हो चुकी है, तो वह अगली कार्रवाई करें। या अगर हमारे मरीज में कोई सांस बाकी है तो वह उसे हायर सेंटर के लिए रेफर कर दें, जिस पर चिकित्सक नाराज हो गए और उन्होंने पूर्व प्रधान के साथ दुर्व्यवहार करते हुए कहा कि या तो आप बाहर निकल जाए वरना मैं पुलिस से कहकर आपको गिरफ्तार करा दूंगा। इसके उपरांत पूर्व प्रधान ने 112 नंबर पर सूचना दी, जिस पर पुलिस मौके पर पहुंची और पूरे प्रकरण की जानकारी लेने के उपरांत अस्पताल में जाकर देखा, तो तब भी उनका मरीज वेंटिलेटर पर रखा हुआ था। तभी थाना गागलहेड़ी पुलिस भी मौके पर पहुंची और उन्होंने मीमो लेकर कार्यवाही करने की बात कही। जिस पर पूर्व प्रधान ने उन्हें पूरी जानकारी दी और बताया कि अभी भी चिकित्सक ने उनके मरीज को वेंटीलेटर पर रखा हुआ है और दवाई मंगा रखी है। जब पुलिसकर्मियों ने अस्पताल में जाकर देखा तो यह बात सही निकली। इसके विरोध में पूर्व प्रधान थाना भगवानपुर पहुंचे और चिकित्सक के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए तहरीर देने लगे, तभी भगवानपुर थानाध्यक्ष पीडी भट्ट भड़क उठे और पूर्व प्रधान के साथ दुर्व्यवहार करते हुए उन्हें ही अंदर जेल में डाल देना, यहां तक कि उनका पोस्टमार्टम करा देने की धमकी देते हुए उनके साथ दुर्व्यवहार किया। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने बा-मुश्किल थानाध्यक्ष को शांत किया और पूर्व प्रधान को थानाध्यक्ष से बचाकर थाना परिसर से बाहर लाए। पीड़ित पूर्व प्रधान ने प्रदेश के पुलिस महानिदेशक समेत स्वास्थ्य व पुलिस विभाग के तमाम आला अधिकारियों को पूरे प्रकरण से अवगत कराते हुए दोषी थानाध्यक्ष और चिकित्सक के विरूद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है।

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