रुड़की। ( आयुष गुप्ता ) पीठासीन अधिकारी श्रम न्यायालय हरिद्वार ने जिला सहकारी बैंक के अवैधानिक तरीके से हटाए गए कर्मचारी को पिछली पूर्ण मजदूरी व सेवा संबंधी पूर्ण हित लाभ सहित उसी पद हैसियत में निरंतरता के आधार पर वर्ष 2018 से पुनः बहाल करने के आदेश पारित करते हुए वैकल्पिक व्यवस्था की है कि जिला सहकारी बैंक द्वारा अगर श्रमिक के पद पर किसी की नियमित नियुक्ति की गई है, तो ऐसी स्थिति में अवैधानिक रुप से की गई सेवा समाप्ति की एवज में बतौर क्षतिपूर्ति 5,00,000 श्रमिक को अदा करने के आदेश के साथ ही श्रमिक को क्षतिपूर्ति धनराशि के रुप में 5,00,000 अदा की जाने वाली धनराशि निबंधक सहकारी समिति उत्तराखंड के वेतन अथवा उसकी व्यक्तिगत संपत्ति से वसूल कर जिला सहकारी बैंक के लोक धन खाते में जमा करना सुनिश्चित करने के साथ ही श्रमिक पक्ष को वाद व्यय के रुप में 5,000 अलग से अदा करने का भी आदेश पारित किया है। जिला सहकारी बैंक के प्रधान कार्यालय बीटीगंज रुड़की में वर्ष 2012 में टाइपिस्ट कम डाटा एंट्री आॅपरेटर के पद पर राजेंद्र सिंह कंडियाल की नियुक्ति बोर्ड बैठक के प्रस्ताव से की गई थी, जिसकी अनुमति निबंधक सहकारी समिति उत्तराखंड द्वारा ली गई। समय-समय पर निबंधक द्वारा श्रमिक राजेंद्र सिंह कंडियाल की सेवा अवधि को बढ़ाया जाता रहा लेकिन वर्ष 2015 के बाद न तो सेवा अवधि को बढ़ाया गया और ना ही श्रमिक को सेवाओं से अलग किया गया। श्रमिक द्वारा अपनी सेवाओं की निरंतरता को बनाए रखने के लिए जिला सहकारी बैंक सचिव से अनेक बार मौखिक एवं लिखित प्रार्थना की गई, इसके बावजूद वर्ष 2018 में श्रमिक को उसकी सेवाओं से अलग कर दिया गया। श्रमिक राजेंद्र सिंह कंडियाल ने अपने अधिवक्ता अनिल कुमार पुंडीर के माध्यम से सहायक श्रम आयुक्त हरिद्वार के समक्ष अपना वाद योजित किया लेकिन जिला सहकारी बैंक द्वारा वहां पर भी कोई समझौता नहीं करने पर उक्त वाद शासन को संदर्भित कर दिया गया। जिसके चलते शासन ने श्रमिक की सेवाओं को समाप्त किए जाने को अवैधानिक या वैधानिक मानने के लिए श्रम न्यायालय हरिद्वार को श्रमिक का वाद संदर्भित कर दिया गया। श्रमिक मामलों के अधिवक्ता अनिल कुमार पुंडीर ने बताया कि पीठासीन अधिकारी श्रम न्यायालय हरिद्वार, गुरुबख्श सिंह ने उक्त मामले की सुनवाई करते हुए जिला सहकारी बैंक द्वारा श्रमिक राजेंद्र सिंह कंडियाल की सेवाओं को समाप्त करने को अवैधानिक मानते हुए श्रमिक को पिछली पूर्ण मजदूरी व सेवा संबंधी पूर्ण हितलाभ देते हुए उसी पद की हैसियत में निरंतरता के आधार पर वर्ष 2018 से पुर्नस्थापित करने के आदेश पारित करते हुए वैकल्पिक व्यवस्था दी कि अगर जिला सहकारी बैंक द्वारा उक्त पद पर कोई नियमित कर्मचारी की नियुक्ति कर दी है, तो जिला सहकारी बैंक द्वारा अनुचित व अवैधानिक रुप से की गई सेवा समाप्ति की एवज में बतौर क्षतिपूर्ति 5,00,000 श्रमिक राजेंद्र सिंह कंडियाल को अदा करें। इसके साथ ही निबंधक सहकारी समितियां उत्तराखंड के वेतन अथवा उनकी व्यक्तिगत संपत्ति से वसूल कर जिला सहकारी बैंक के लोक धन खाते में जमा कराने के साथ ही श्रमिक राजेंद्र सिंह कंडियाल को 5,000 वाद व्यय के रुप में जिला सहकारी बैंक द्वारा अदा किए जाने के आदेश पारित किए।