रुड़की।  ( बबलू सैनी ) एक ओर जहां पूरा देश आजादी का 75वां महोत्सव मना रहा हैं, वहीं रुड़की छावनी के नजदीक स्थित भंगेड़ी गांव आज भी अंधेरे में खड़ा दिखाई देता हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि इस गांव का रास्ता आर्मी क्षेत्र से होकर गुजरता हैं और आर्मी के जवान किसी भी समय गांव वासियों का रास्ता पूरी तरह बंद कर देते हैं। इसके कारण ग्रामीणों को दस किमी की दूरी तय कर गांव में जाना पड़ रहा हैं, जबकि यह गांव रुड़की से मात्र दो किमी की दूरी पर हैं। रास्ता बाधित करने का यह पहला मामला नहीं हैं, पिछले कई वर्षों से यह समस्या ग्रामीणों को घुन की तरह खा रही हैं। इस मामले में पिछले दिनों भाकियू (रोड़) के प्रदेश अध्यक्ष पदम सिंह रोड़ ने सैकड़ों किसानों के साथ प्रदर्शन कर रास्ता खोलने के लिए अपनी आवाज बुलंद की थी। ये ही नहीं तत्कालीन जेएम अंशुल सिंह को इस संबंध में शिकायत कर मामले का हल करने के लिए कहा गया था। जिस पर उन्होंने दो सप्ताह का समय दिया था। लेकिन इसी बीच उनका स्थानांतरण हो गया। तय अवधि पूरी होने पर आज फिर किसान नेता पदम सिंह रोड़ ग्रामीणों व किसानों के साथ कचहरी स्थित एसडीएम के कार्यालय पर पहंुचे और उन्हें पूरे मामले से अवगत कराते हुए पफौरी तौर पर आर्मी के चंगुल से गांव का रास्ता खुलवाने की मांग की। इस दौरान एसडीएम विजयनाथ शुक्ल द्वारा किसान नेता व ग्रामीणों से कहा गया कि यह मामला न्यायालय में विचाराधीन हैं और जल्द ही इसका स्थाई हल निकाला जायेगा। इसके लिए उन्होंने किसानों को 17 अगस्त तक का समय दिया। उनके आश्वासन के बाद किसान लौट आये। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि केंद्र की सरकार अपनी योजना चलाकर गांव को शहरों से जोड़ने का काम कर रही हैं, वहीं भंगेड़ी गांव का रास्ता पक्का हैं, लेकिन इसे गांव का दुर्भाग्य ही कहा जायेगा कि यह आर्मी के पीछे की दीवार से सटा हैं और इसका रास्ता भी आर्मी क्षेत्र से होकर गुजरता हैं। किसी भी समय आर्मी के जवान ग्रामीणों का रास्ता पूरी तरह बंद कर देते हैं। जिसके कारण ग्रामीणों को बड़ी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा हैं। मामला आर्मी से जुड़ा होेने के कारण शासन-प्रशासन के अधिकारी भी आर्मी से टकराना नहीं चाहते। यही कारण है कि यहां के लोग आज भी गुलामी जैसा जीवन जी रहे हैं। इस मामले में स्थानीय शासन-प्रशासन के साथ ही सूबे के मुख्यमंत्री आगे आकर मामले का स्थाई हल निकालें ताकि ग्रामीणों को आने-जाने में दिक्कत न हो सके। फिलहाल तो यह प्रकरण पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ हैं। आज बैठक में जावेद, इन्द्र, सरफराज, जगदीश व्यास, रविन्द्र, सुशील, सोनू, श्रवण, परशुराम, कमल प्रसाद, बी.के. पांडे, देवीराम, कौशल, प्रदीप, छोटू, आदित्य व तनवीर शामिल रहे।

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