रुड़की। उत्तराखण्ड जल संस्थान के सहायक अभियंता हिमांशु त्यागी ने जानकारी देते हुए बताया कि जल संस्थान की मुख्य महाप्रबन्धक निलिमा गर्ग द्वारा जारी आदेशों के अनुसार 26 नवंबर को मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा के क्रम में पेयजल एवं सीवर सुविधा के सभी प्रकार के उपभोक्ताओं (घरेलू/ व्यवसायिक) के विरूद्ध वर्तमान वित्तीय वर्ष के दौरान लंबित तथा 31 मार्च 2022 तक सृजित होने जल मूल्य/ सीवर शुल्क के अवशेष देयकों का एक मुश्त भुगतान करने की दशा में विलंब शुल्क की धनराशि शत-प्रतिशत माफ किये जाने की स्वीकृति निम्न शर्तों के अधीन प्रदान की गई हैं, इनमें मुख्य शर्तेंः जलमूल्य/ सीवर शुल्क के अवशेष देयकों के विलंब शुल्क को 31 मार्च 2022 तक माफ किये जाने पर इस स्थगन अवधि में जल/सीवर संयोजन विच्छेदित नहीं किये जायेंगे तथा ऐसे उपभोक्ताओं से स्थगन अवधि के लिये कोई विलंब शुल्क/सरचार्ज नहीं लिया जायेगा। उक्त स्थगन अवधि के उपरांत जलमूल्य/सीवर शुल्क के अवशेष देयकों के भुगतान एक मुश्त किये जाने की दशा में निर्धारित यथा नियम प्रक्रियानुसार लिया जायेगा। जलमूल्य एवं सीवर शुल्क की उक्त स्थगन अवधि के उपरान्त जल संस्थान द्वारा विलंब शुल्क की गणना कर क्षतिपूर्ति के सम्बन्ध में प्रमाणकों सहित प्रस्ताव शासन को उपलब्ध करायेगा, शामिल रहेंगी। उन्होंने कहा कि सभी जलमूल्य व सीवर के उपभोक्ता जल्द से जल्द अपना बकाया बिल एक मुश्त जमा कर इसका लाभ उठा सकते हैं।