रुड़की। ( बबलू सैनी ) केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान रुड़की में ‘जिज्ञासा’ कार्यक्रम के अन्तर्गत केवि-1 हाईस्कूल के 150 विद्यार्थी आज वैज्ञानिकों से रुबरू हुये। संस्थान निदेशक डॉ. एन गोपाल कृष्णन ने छात्रों से अपने जीवन में वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने पर बल दिया। मुख्य वैज्ञानिक डॉ. अतुल अग्रवाल ने वैज्ञानिक सोच, व्यवहारिक ज्ञान एवं अनुसंधान को अंकुरित, पल्लवित करने के लिए सीएसआईआर एवं केंद्रीय विद्यालय संगठन के प्रयासों की चर्चा की। उन्होंने थॉमस एल्बा, एडिशन ऑर्कमिडीज का सिद्धांत प्रो. डस्टिन आदि के दृष्टांत देकर जीवन में सकारात्मक सोच विकसित कर अपनी जिज्ञासा शांत करने के लिए प्रेरित किया। डॉ. प्रदीप चौहान ने कार्यक्रम का संचालन किया तथा जिज्ञासा के विषय में उन्होंने भारत के महान वैज्ञानिक जीडी नायडू जिन्हंे भारत का एडिसन कहा जाता हैं, के अविष्कारों एवं जीवन के बारे में बताया। डॉ. हेमलता वैज्ञानिक ने रोचक प्रस्तुतिकरण दिखाकर पॉलीमर की भवन अनुसंधान में उपयोगिता व विभिन्न प्रकार के उत्पादों का कैसे निर्माण होता हैं, के बारे में बताया। डॉ. चन्दन सिंह मीणा ने घर में प्रयोग होने वाले फ्रिज, एयरकंडीशनर की निर्माण प्रक्रिया व उसमें प्रयोग होने वाले संयंत्रो की कार्यविधि पर रोचक व्याख्यान दिया। वहीं प्राचार्य विपिन कुमार त्यागी ने बताया कि इस प्रकार के भ्रमण से छात्र-छात्राओं का बौद्धिक विकास होता हैं तथा उन्होंने भविष्य में भी बच्चों को सीबीआरआई वैज्ञानिकों से रुबरू होने की आशा जताईं। छात्रों ने भवन दक्षता, रुरल पार्क, अग्नि अनुसंधान प्रयोगशाला, पीपीसीडी सहित विभिन्न प्रयोगशालाओं का भ्रमण किया। केंद्रीय विद्यालय की उप-प्राचार्या अंजू सिंह, कल्पना गुप्ता, बीना कर्नाटक, राखी डायमा, हरिनंद आदि मौजूद रहे। वहीं सीबीआरआई से डॉ. किशोर कुलकर्णी, डॉ. एलपी सिंह, डॉ. अतुल अग्रवाल, डॉ. हेमलता, डॉ. सुबीर सिंह, डॉ. पीकेएस चौहान ने छात्रों से संवाद किया।