हरिद्वार। ( बबलू सैनी ) 
जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय ने अवगत कराया कि सचिव पशुपालन मत्स्य, डेयरी एवं सहकारिता उत्तराखण्ड शासन देहरादून के पत्र संख्या 12, दिनांक 05.05.2022 द्वारा उत्तराखण्ड राज्य में पशुओं के सूखे चारे के रूप में मुख्य रूप से उपयोग किये जाने वाले गेहूँ के भूसे की अत्यन्त कमी होने तथा कतिपय व्यापारियों द्वारा भूसे को बड़ी मात्रा में अनावश्यक रूप से भण्डारण किये जाने के कारण उत्पन्न विकट परिस्थितियों में पशु स्वामियों द्वारा बड़ी संख्या में पशुओं को परित्यक्त किये जाने से सड़क परिवहन में अवरोध/दुर्घटनाएं तथा कानून व्यवस्था को चुनौती पैदा होने की आशंका के दृष्टिगत पशुओं के लिए पर्याप्त मात्रा में उचित दरों में भूसा /चारा उपलब्ध कराये जाने की आवश्यकता है। जिलाधिकारी ने यह भी अवगत कराया कि उपरोक्त आशंका को देखते हुये हरिद्वार जनपद में दंड प्रक्रिया संहिता-1973 की धारा-144 के प्राविधानों (निषेधाज्ञायें) के तहत-भूसा को ईंट भट्टा एवं अन्य उद्योगों में इस्तेमाल न किया जाये एवं इस हेतु इन उद्योगों को भूसा विक्रय पर 21 मई 2022 से आगामी 15 दिन तक पुनः रोक लगायी जाती है, भूसा विक्रेताओं द्वारा भूसे का अनावश्यक भण्डारण एवं काला बाजारी न तो की जायेगी, न ही करवायी जायेगी। जनपद में उत्पादित भूसे को राज्य से बाहर परिवहन पर तत्काल एक पक्ष हेतु रोक लगायी जाती है, जनपद में पुराल जलाने पर तत्काल रोक लगायी जाती है, यह आदेश जनपद हरिद्वार की सीमान्तर्गत आदेश जारी होने की तिथि से 4 जून 2022 तक प्रभावी रहेगा। बशर्ते कि इससे पूर्व इसे निरस्त न कर दिया जाये। उन्होंने यह भी बताया कि यदि कोई व्यक्ति इन आदेशों का उल्लंघन करेगा, तो उसका यह कृत्य भारतीय दंड संहिता की धारा-188 के अर्न्तगत दण्डनीय होगा।

By Admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Share