रुड़की।
उत्तराखंड सरकार गरीब लोगों का मजाक बना रही हैं। उक्त उद्गार ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्टर्स कांग्रेस उतराखंड के प्रदेश महासचिव आदेश सैनी ‘सम्राट’ ने कहा कि ट्रांसपोर्टर्स व्यवसायी कोरोना महामारी की मार मार्च 2020 से झेल रहे हैं, जिसमें कुछ वाहनों का संचालन आवश्यक वस्तुओं की ढुलाई करने के लिए होना था, लेकिन दूरी साइड से माल लोडिंग न होने के कारण ओर ज्यादा नुकसान उठाना पडा। उपर से डीजल- पेट्रोल की महंगाई, टोल टैक्स, फिटनेस, इंश्योरेंस, रोड़ टैक्सव गुड टैक्स आदि ने ट्रांसपोर्टर्स व्यवसायियों को भुखमरी की कगार पर लाकर खड़ा कर दिया हैं। उतराखंड की सैकड़ों इंडस्ट्री बंद हो गई हैं। वहीं दूसरी लहर में भी पहले की तरह ही सब कुछ बंद हो गया ओर उतराखंड में कुंभ मेला, कांवड़ मेला, चारधाम यात्रा आदि सब स्थगित कर दिए गए। जिसमें सभी व्यवसायियों के वाहनों के मालिकों, चालकों व हेल्परों को आज तक नुकसान उठाना पड़ रहा है। उपर से प्रदेश सरकार की ओर से मोटर मालिकों के घर चालान नोटिस पहुँचने शुरू कर दिये गये हैं, जो प्रदेश सरकार की घटिया मानसिकता को दर्शाता हैं। ट्रांसपोर्टर्स व्यवसायियों ने सरकार के सामने कई बार अपनी गंभीर समस्याओं को रखा, लेकिन अब सरकार ने राहत देने की घोषणा की, तो उसमें भी मोटर मालिकों व भार वाहनों एवं भार वाहनों के चालकों, परिचालकों के साथ धोखा किया गया। उतराखंड सरकार की ओर से चालकों- परिचालकों के राहत पैकेज की घोषणा को सुनकर चालकों, परिचालकों ने कम्प्यूटर सैंटरो पर जाकर जानकारी ली, तो पता चला कि उतराखंड सरकार की ओर से केवल यात्री वाहन चालकों, परिचालकों के लिए आर्थिक मदद जारी की हैं, जिसमें भार वाहन चालकों- परिचालकों व मोटर मालिकों को धोखा दिया गया हैं। उन्होंने कहा कि आगामी 18 अगस्त को ऋषिकेश में होने वाली उतराखंड परिवहन महासंघ की बैठक में सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की रणनीति तय की जायेगी।
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