रुड़की। ( आयुष गुप्ता ) रेलवे स्टेशन के निकट कैम्प कार्यालय पर सपा पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव को कार्यकर्ताओं द्वारा नम आंखों से श्रद्धांजलि दी गई। रुड़की विधानसभा से सपा प्रत्याशी रहे राजा त्यागी ने कहा कि आज सुबह-सुबह नेताजी के देहांत की खबर सुनकर पूरा देश सन्न रह गया। हमें अभी भी विश्वास नहीं हो रहा कि मुलायम सिंह यादव अब हमारे बीच में नहीं रहे। उन्होंने हमेशा नौजवानों के साथ-साथ दबे-कुचले लोगों का साथ दिया। नेताजी की कमी हमेशा हमें खलेगी। कहा कि भारत की राजनीति में नेताजी मुलायम सिंह यादव ही एकमात्र ऐसे नेता थे, जिन्होंने सभी धर्मों-वर्गों को एक साथ बांधे रखा और हिंदुस्तान की गंगा-जमुना तहजीब बनाए रखी। नेताजी ने हमेशा संविधान के दायरे में रहकर काम किया और भारत में निवास करने वाली हर धर्म जाति के लोगों को आगे बढ़ावा दिया। नेताजी का राजनीतिक इतिहास भी बहुत बड़ा रहा। वह 15 बार विधायक, 7 बार सांसद, तीन बार एमएलसी, तीन बार मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश, एक बार भारत सरकार में रक्षामंत्री रहे। इतने अहम पदों पर रहने के बाद भी नेताजी के अंदर पूरी सादगी भरी हुई थी। कभी उनके अंदर घमंड जरूर जैसी कोई चीज नहीं थी, आम और खास कार्यकर्ताओं से एक तरह ही नेताजी मिला करते थे। हमेशा नेताजी हमारे बीच हमेशा जिंदा रहेंगे। कहा कि नेताजी के जो काम शेष रह गए हैं, उन्हें अखिलेश यादव पूरा करेंगे और हमारा पूरा समर्थन अब अखिलेश यादव को रहेगा। बाद में सभी ने दो मिनट का मौन रखकर नेताजी को अपनी श्रद्धांजलि दी और ईश्वर से कामना की कि शोकाकुल परिवार को यह दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करें। सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष रहे सलीम खान ने भी मुलायम सिंह यादव के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह यादव ने हमेशा समाजवाद को बढ़ावा दिया और समाजवादी पार्टी में सर्व समाज को बिना किसी भेदभाव के सम्मान दिया। मुलायम सिंह के चले जाने से देश की राजनीति में एक शोक की लहर है और देश की राजनीति के लिए यह गहरी क्षति है। इस मौके पर शरद पांडे ने नेताजी को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। वहीं हाफिज मोहम्मद इरफान ने कहा कि नेताजी की कमी अब देश महसूस करेगा, नेता जी ने हमेशा मजबूत निर्णय राजनीति में लिए। श्रद्धांजलि सभा में दिनेश, निशांत, इकबाल मास्टर, कमर मास्टर, मुजम्मिल, गुड्डू, समद, कबीर सिंह, अब्दुल मुतालिब, जोनी कुमार, काला, शहजाद अंसारी, हसरत अली, वासिक अली, कोमल रानी, निषाद अली मास्टर, मुजम्मिल सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे।