रुड़की। ( आयुष गुप्ता ) सोलानी नदी शमशान घाट समिति की एक बैठक समिति अध्यक्ष के आवास पर संपन्न हुई, जिसमें शमशान घाट पर लाई गई लावारिस शवों की अस्थियों को गंगा में विसर्जित किए जाने की योजना को अंतिम रूप दिया गया। बैठक की अध्यक्षता समिति अध्यक्ष समिति के संरक्षक ईश्वर लाल शास्त्री ने की।
बैठक को संबोधित करते हुए समिति अध्यक्ष शिवमंगल सिंह ने कहा कि समिति लंबे समय से लावारिस शवों का अंतिम संस्कार करती चली आ रही है। संस्कार के बाद उनकी अस्थियों को अलग-अलग कलश में सहेज कर रखा जाता है। इसी बीच यदि उनके परिजनों को पुलिस नहीं खोज पाती, तो उनकी मुक्ति के लिए समिति हरिद्वार ले जाकर गंगा जी में विसर्जित करती है। इस बार पितृपक्ष में 23 सितंबर को पावन अस्थि कलश पूरे सम्मान के साथ हरिद्वार ले जाए जाएंगे। दिनेश भारद्वाज और देवेंद्र वर्मा ने कहा कि 23 सितंबर को ही श्री देवोत्थान सेवा समिति दिल्ली से प्रति वर्ष हजारों की संख्या में लावारिस अस्थियों को लेकर विसर्जन के लिए हरिद्वार जाती है। जिनके लिए रुड़की में श्रद्धांजलि एवं पुष्पांजलि सभा का आयोजन किया जाता है। इस बार 23 सितम्बर को ही श्री देवोत्थान सेवा समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल नरेंद्र के नेतृत्व एवं विजय शर्मा के संयोजन में दिल्ली से हजारों अस्थि कलश हरिद्वार ले जाए जा रहे हैं। ऐसे में रुड़की से एकत्र की गई लावारिस अस्थियों को उनके साथ ही रुड़की से हरिद्वार लेकर जाया जाएगा। अगले दिन सुबह 10 बजे सामूहिक रूप से सभी हस्तियों को मां गंगा में विसर्जित किया जाएगा। समिति के चंद्र प्रकाश बाटा ने कहा कि रुड़की से अस्थि कलश की अंतिम दर्शन एवं श्रद्धांजलि यात्रा पूरे सम्मान के साथ निकाली जाएगी। जो सोलानी नदी श्मशान घाट से आरंभ होकर इमली रोड, अनाज मंडी, आर्य कन्या पाठशाला, सब्जी मंडी, सिविल र्लाइंस बाजार, रुड़की टाकीज चौक होते हुए मलकपुर चुंगी पहुंचेगी। इस दौरान अनेक स्थानों पर पुष्पांजलि कार्यक्रम रखा गया है। मलकपुर चुंगी पर सभी लावारिस हस्तियों के लिए एक संयुक्त श्रद्धांजलि सभा का आयोजन 23 सितंबर को शाम लगभग 5 बजे किया जाएगा। बैठक में श्याम सिंह, धर्मपाल जाटव, गोपालपुरी, ईश्वर लाल शास्त्री, विजय राजा, दीपक चौरसिया, नितिन, राकेश गोयल, दीपक भारद्वाज, रोहित गर्ग, सचिन नामदेव आदि मौजूद रहे।