रुड़की।  ( बबलू सैनी ) विश्व तम्बाकू निषेध दिवस (31 मई) के अवसर पर बी.एस.एम. पी.जी. कॉलेज रुडकी द्वारा तम्बाकू उत्पादों के सेवन न करने के प्रति युवाओं में जागरूकता लाने के उद्देश्य से एक हस्ताक्षर अभियान का शुभारम्भ प्रातः 10.30 बजे महाविद्यालय के डायरेक्टर रजनीश शर्मा एवं प्राचार्य डॉ. गौतमवीर द्वारा संयुक्त रुप से किया गया।
इस अवसर पर निदेशक रजनीश शर्मा ने कहा कि आज जब युवा पीढी में तम्बाकू सेवन का चलन बढ रहा हैं, ऐसे समय में जागरूकता हेतु चलाया गया शपथ हस्ताक्षर अभियान प्रशंसनीय है। भारत में यह समस्या इसलिए भी मुश्किल है कि इसे लोग श्रंखलाबद्ध तरीके से प्रयोग करते है। अकेले भारत में 20 लाख से ज्यादा लोग तम्बाकू का सेवन करने के कारण मुहं, फेफडों आदि की बीमारी के कारण मर जाते है। उन्होंने कहा कि पुरूषों में फेफड़ों के कैंसर से होने वाली मौतों में से 90 प्रतिशत और महिलाओं में 80 प्रतिशत धूम्रपान के कारण होती है। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. गौतमवीर ने कहा कि तंबाकू का सेवन सभी प्रकार से घातक है, चाहे वह धूम्रपान के रूप में हो या धुआं रहित हो। आज की युवा पीढी फैशन में, तनाव को कम करने के लिए या फिर मस्ती के लिए तम्बाकू का प्रयोग करती है। उन्होंने कहा कि इसमें पाये जाने वाले निकोटीन से बडे सुखद पलों का एहसास होता है, परन्तु धीरे-धीरे इसकी ऐसी लत लग जाती है कि वह व्यक्ति प्रतिदिन 20 से 30 रुपये इसी पर ही व्यय करने लगता है। जो सीधे तौर पर अपनी मौत को निमंत्रण देता हैं। इस हस्ताक्षर अभियान में मदद करने वाली गैर सामाजिक संस्था पाकिर दा एन्वॉयरमेंट एंड एजुकेशन सोसायटी की सचिव मेहनाज ने कहा कि तम्बाकू के सेवन में महिलाएं भी पीछे नही है। महाविद्यालय के तम्बाकू सेवन प्रतिषेध कमेटी के सदस्य डॉ. सुरजीत सिंह ने कहा कि इससे बचने के लिए जागरूकता ही सबसे बडा उपाय है। जिम, खेल आदि गतिविधियों पर अधिक फोकस कर अपने जीवन को सही दिशा देने का हम कार्य कर सकते है। इस अवसर पर डॉ. शिखा जैन, डॉ. एस.के महला, डॉ. इन्दु अरोड़ा, डॉ. पारूल जैन, डॉ. अर्चना त्यागी, डॉ. सीमा गुप्ता, डॉ. सुनीता कुमारी, डॉ. रीमा सिन्हा, रामकुमार हरित, देवानन्द शर्मा, अनूप शांडिल्य, अफजल मंगलोरी, प्रवीन शर्मा, अभय कुमार, रितु शर्मा, वासु, सुखबीर उपस्थित रहे।

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