रुड़की। ( बबलू सैनी ) श्रीकृष्ण प्रणामी गौसेवाधाम में श्रीकृष्ण प्रकटोेत्सव धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर मंदिर में सुन्दर झांकी सजायी गयी थी। देर रात तक चले समारोह में महिलाओं के भजन सत्संग ने इस अवसर को कृष्ण भक्ति से सराबोर कर दिया। उत्सव का समापन शुक्रवार को विशाल भण्डारे के साथ किया गया।
इस अवसर पर पीठाधीश्वर स्वामी दिनेशानन्द भारती ने कहा कि कृष्ण का जीवन एकमात्रा ऐसा जीवन है, जो हमें संघर्ष में भी मुस्कुराने की सीख देता है। कृष्ण का जीवन एक पूर्ण व्यक्तित्व की बात करता है। इसीलिए जब माता की गोद में कोई बालक खेलता है, तो वह उसमें कृष्ण की छवि को ही देखती है। उन्होंने कहा कि युद्ध क्षेत्र में अर्जुन को दिया ज्ञान विश्व की साठ भाषाओं में अनुवादित किया गया। गीता ज्ञान को आदर्श ज्ञान के रुप में जाना जाता है। कृष्ण अर्जुन का ही नहीं बल्कि सुदामा के साथ भी मित्रता का जो संबंध निभाते हैं। वह अनुकरणीय है। कृष्ण ने हमेशा धर्म के साथ धर्म के साथ बने रहने की प्रेरणा दी। समारोह में महिलाओं ने भी बढ-चढकर हिस्सा लिया। महिलाओं ने देर रात तक भक्ति संगीत और भजन गाये। रात बारह बजते ही पूरा शंकर मठ नन्द लाल के जयकारों से गूंज उठा। शुक्रवार को आयोजित नन्दोत्सव में विशाल भण्डारे का आयोजन किया गया जिसमें हजारों लोगो ने प्रसाद गृहण किया।