रुड़की (बबलू सैनी)।
कलियर से आप पार्टी प्रत्याशी शादाब आलम को लेकर कलियर क्षेत्र की जनता में एक ही नारा गूंज रहा है कि बिजनौर क्षेत्र के कार्यकर्ता और समर्थकों के साथ आखिर वह यहां चुनाव क्या सोचकर लड़ रहे हैं, ना तो उनके पास कोई विज़न है और ना ही कोई स्थानीय जिम्मेदार व्यक्ति या समर्थक है। लोगों में चर्चा यह भी खूब चल रही है कि शादाब आलम को वोट देकर सिर्फ खराब ही करना है, क्योंकि हाल ही के दिनों में
दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री जैन द्वारा देहरादून स्थित प्रेस क्लब में मीडिया के समक्ष यह ब्यान दिया गया था कि वह सिर्फ उत्तराखंड में आप पार्टी के वोट स्तर का आंकलन करने के लिए चुनाव मैदान में उतरे हैं। उनका उत्तराखंड में सरकार बनाना या हार-जीत या किसी से टक्कर का कोई इरादा नहीं है। अब ऐसे में चुनावी माहौल चल रहा है और दिल्ली सरकार के मंत्री का ऐसा बयान आप पार्टी प्रत्याशियों पर वास्तव में प्रश्न चिन्ह लगा रहा है कि आखिर वह जनता से जो भी झूठे वादे करने में लगे हैं, वह उन्हें कैसे पूरे करेंगे? क्योंकि उनकी सरकार के मंत्री जब सरकार बनाने में रुचि नहीं रख रहे हैं, तो भला आम जनता भी उनको वोट देने में रुचि क्यों रखें। आलम यह भी है कि बाहरी समर्थकों और दिल्ली से आई टीम के साथी स्कूली छात्रों की भीड़ जुटाकर शादाब अलम कलियर से जीत की बड़ी-बड़ी बातें फेंक रहे हैं जबकि वोट तो उन्हें स्थानीय लोगों से ही लेना है, जो उनके पास नहीं है। यही नहीं विगत शाम दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के रोड शो में भी शादाब आलम ने छात्रों और बच्चों का ही सहारा लिया। क्योंकि उन पर अभी तक क्षेत्र की जनता यही भरोसा नहीं कर पा रही है कि शादाब आलम को वोट करें या ना करें, जिसको लेकर शादाब आलम की कश्ती मझधार में नजर आ रही है। अब शादाब आलम से अगर कोई समर्थक व कार्यकर्ता इन सब चीजों का जवाब मांगते हैं तो शादाब आलम उस पर भड़क जाते हैं, क्योंकि यह सवाल उन्हें कड़वे लगते हैं। यहां तक की उनके समर्थक उन्हीं के पोस्टर के सामने नशे का सेवन करते देखे जा सकते हैं। कुल मिलाकर शादाब आलम जितनी बातें क्षेत्र के लोगों से हवा हवाई कर रहे हैं उनसे कलियर क्षेत्र की जनता का मन ऊब चुका है और वह शादाब अलम को पूरी तरह नकार चुके हैं। शादाब आलम सिर्फ दिल्ली और बिजनौर के लोगों के सहारे चुनाव प्रचार प्रसार में जुटे हुए हैं। इसके अलावा उनके पास कोई समर्थक नहीं है। यही नहीं इसका एक नमूना आज उस समय देखने को मिला, जब संगठन के कार्य को वह खुद करते देखे गए। क्योंकि अब चुनाव सिर्फ बूथ पर टीम मजबूत करने का है, जिसको वह खुद तैयार करने में लगे हैं। चर्चाएं लोगों में यह भी है कि जिस व्यक्ति को बूथ पर टीम भी खुद बनानी पड़ रही हो, जो अब तक बन जानी चाहिए थी, वह चुनाव में किस स्थिति में है, यह देखने वाली बात है।
सबसे दिलचस्प बात यह भी है जो व्यक्ति बाहरी प्रदेश के समर्थकों को साथ लेकर कलियर क्षेत्र की जनता को उनके विकास कराने के सपने दिखाने का काम करता हो, उस पर कोई क्यों भरोसा करेगा। क्योंकि ऐसा भरोसा एक बार जनता प्रधानमंत्री मोदी पर भी कर चुकी हैं, जिनके अभी तक भी 15-15 लाख पेंडिंग में चल रहे हैं।