रुड़की। ( बबलू सैनी ) सिद्धपीठ शिरोमणी गुरू रविदास योग आश्रम सैनपुर देवबंद में योगी महाराज के सानिध्य में शिष्य आचार्य जसवीर दास ने सत्संग में प्रवचन करते हुए सत्संग में शामिल भक्तजनों को बताया कि सत्संग में आने से आदमी में अच्छे विचार आते हैं और बुरे विचार खत्म हो जाते हैं। अगर हम अपने गुरू का कहना मानते है, तो हमें उनके बताए मार्ग पर भी चलना चाहिए। माता-पिता की सेवा करना चाहिए, बच्चों की जिम्मेदारी और आवश्यकताओं की समय से पूर्ति करनी चाहिए। हमारा धर्म होना चाहिए कि हम अच्छी संगति में रहे। क्योकि संगति ही आदमी को अच्छा या बुरा बनाती है। इसलिए प्रत्येक मनुष्य के जीवन मंे सत्संग जरूरी है। हम सबको अपने महापुरूषों व गुरुओं के चित्र को देखकर उनके आदर्शों व सिद्धातों व उनके जीवन चरित्र का अनुसरण करना चाहिए। सत्संग में आचार्य ने बताया कि सन्त हमेंशा सत्य का मार्ग दिखाते है जबकि ढोंगी हमें अंधविश्वास और झाड़-फूंक की ओर ले जाता है, जिससे हमें बचना चाहिए, अगर कोई समस्या हमारे मानव जीवन में आ रही हैं, तो हमें डाक्टर के पास जाना चाहिए, ना की झाड़-फूंक करने वाले के पास जाना उचित है। सत्संग उपरांत सचिन गोंड़वाल और ओमपाल रुड़की की ओर से विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। इस दौरान धर्मदास, महन्त जीराम, महात्मा जिम्मूदास, बुच्चा दास, जुगल दास आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इसके अलावा केशव दास, भवर सिहं, हीना देवी, रोशनी आदि अनेकों भक्तजन मौजूद रहे।