रुड़की। ( बबलू सैनी ) दरगाह हजरत मखदूम साबिर पाक के पूर्व सज्जादानशीं शाह मंसूर ऐजाज साबरी की पहली बरसी पर देश की अनेक दरगाहों के सज्जादा, सूफीगण, राजनेताओं और बुजिीवियों ने पिरान कलियर पहंुचकर उन्हें खिराज-ए-अकीदत पेश किया तथा देश की सलामती, अमन और तरक्की की दुआ की। गंगोह शरीफ दरगाह हरजत अब्दुल कुद्दूस कुतूब के आलम के सज्जादानशीं शाह मेहताब आलम कुद्दूसी साबरी ने फातियाखानी के बाद कहा कि शाह मंसूर ऐजाज साबरी की जिदंगी सूफियाना असूलों के मुताबिक सादगी, सहयोगात्मक, सेवाभावना, सौहार्द और सहिष्णुता का संदेश देने वाली रही। उन्होंने कहा कि शाह मंसूर ऐजाज साबरी साहब ने अपनी जिंदगी समाजसेवा में समर्पित कर हम सबको सेवा का रास्ता दिखाया। वहीं सज्जादानशीं साहिबजादा शाह अली मंजर ऐजाज साबरी ने कहा कि उनको यह फक्र हासिल है कि शाह मंसूर ऐजाज साबरी के संरक्षण में उनकी शिक्षा-दीक्षा ओर परवरिश हुई। वह मेरे आदर्श हैं। साथ ही कहा कि उन्होंने सादगी, त्याग, ईमानदारी व इंसानियत की जिंदगी गुजारी। उनसे हमें गरीबों की सेवा करने का संदेश मिलता हैं। वहीं उत्तराखण्ड उर्दू अकादमी के पूर्व चेयरमैन व अन्तर्राष्ट्रीय शायर अफजल मंगलौरी ने कहा कि शाह मंसूर ऐजाज साबरी एक फकीर और दिलों पर राज करने वाले बादशाह थ। उन्होंने सूफी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए हिन्दू-मुस्लिम एकता से सेवा, सामाजिक समानता व भाईचारे की भावना को अपने जीवन का उद्देश्य बनाकर समाज को एक नई दिशा दी। इस मौके पर फातिया खानी मिलाल महफिल एवं शमां तथा लंगर का वितरण किया गया। जिसमें गंगोह के चेयरमैन अदनान मसूद मुरादाबाद के पत्रकार व कवि सयैद हाशिम कुद्दूसी, शाह खालिक अंजार साबरी, सूफी राहिद कुद्दूसी, सीए तारिक कुद्दूसी, मखदूम मियां कुद्दूसी, अफजल मंगलौरी, आरिफउद्दीन साबरी, शाह यावर याबरी, शाह सुहैल साबरी, अदिल साबरी, नोमी साबरी, राव ईनाम साबरी, गुड्डू साबरी, रोशन कुद्दूसी, राव जरदार साबरी, मुनवव्वर साबरी, साजिद राव आफाक, राव सिंकदर साबरी आदि मौजूद रहे।