कलियर। ( मुजम्मिल सिद्दकी ) मंगलवार को दरगाह पिरान कलियर हजरत मखदूम अलाउद्दीन अलीअहमद साबीर-ए-पाक (रह.) के 754वें सालाना उर्स की अंतिम रस्मात गुसल शरीफ को दरगाह खादिमों व कर्मचारियों द्वारा सुबह 10 से 11 बजे तक सम्पन्न कराया और रस्मात पूर्ण होने के बाद उर्स/मेला सकुशल सम्पन्न हो गया। इसके अलावा दरगाह के रोजे मुबारक को गुलाब जल, केवडा, इत्र आदि की खुशबू से नहलाया गया। इसके बाद दरगाह शरीफ को खोला गया और हजारों जायरीनों ने जियारत कर मुल्क मंे अमन-चैन एवं शांति की दुआएं मांगी।
गुसल शरीफ की रस्मात सकुशल सम्पन्न होने के बाद जायरीन अपने वतन लौटने शुरू हो गये। गुसल शरीफ की रस्मात उर्स/मेला की अंतिम रस्मात होती है और उक्त रस्मात के मौके पर विशेष खादिम मोजन अब्दुल सलाम, राव सिंकदर, अब्दुल रहमान, दरगाह कर्मचारी जिमू मियां, इलयास, मुनीश, सलीम अंसारी, इस्लाम आदि द्वारा दरगाह शरीफ के रोजे मुबारक को गुलाब जल, केवडा, इत्र आदि से नहलाकर अकीदत के साथ मनाया गया। गुसल शरीफ की रस्मात सम्पन्न होने के बाद बाहर से आयें सूफी-संतों एवं जायरीनों को गुसल शरीफ का पानी और दरगाह का प्रसाद बाटा गया। इसके बाद जायरीन अपने वतन लौटने शुरू हो गये। वही गुसल शरीफ की रस्मात पर जायरीनों द्वारा हक फरीद या फरीद, मौला करीम साबिर दाता करीम साबिर के नारों से दरगाह परिसर गूंज उठा। इस मौके पर मेलाधिकारी विजय नाथ शुक्ला दरगाह कार्यालय पर मौजूद रहे और सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से जायरीनों की गतिविधियों को भांपते रहे। मेलाधिकारी विजय नाथ शुक्ला ने बताया कि उर्स/मेला की अंतिम रस्मात गुसल शरीफ को शांतिपूर्ण रुप से मनाया गया और दरगाहों पर जियारत करने के बाद जायरीन अपने-अपने घर लौटने शुरू हो गये। इसके अलावा सीओ रुड़की विवेक कुमार, तहसीलदार चंद्र शेखर, मेला कोतवाली प्रभारी बीएल भारती, थानाध्यक्ष मनोहर सिंह भंडारी, प्रबंधक मोहम्मद शफीक, राजस्व उप-निरीक्षक अनुज यादव आदि ने जायरीनो की व्यवस्थाओं का जायजा लिया।