रुड़की। ( आयुष गुप्ता )
विगत दिनों चर्चा में रहा रपटा प्रकरण फिर एक बार शुरू होते ही चर्चाओं में आ गया। इस बार रपटे को सुचारू किया गया, तो सिर्फ मिट्टी डालकर, जिसमें धंसने के कारण निजी, सरकारी वाहन फंस रहे है, जिससे मार्ग तो अवरूद्ध हो ही रहा है, तो वही लोगों के लिए भी मुसीबत बन रहा है। आज भी तीन वाहन मिट्टी की दलदल में फंस गए, जिन्हें निकालने के लिए जेसीबी चालक ने हजारों रुपये चार्ज किये।
पिछले लगभग दो वर्ष से सोनाली नदी का पुल जर्जर हालत में होने के कारण सिंचाई विभाग ने उक्त पुल से लोडिड वाहनों का आवागमन बंद कर दिया था, लेकिन दो साल बीतने के बाद भी उक्त पुल का निर्माण न हो सका। जिसके कारण शहर की जनता में आक्रोश भी व्याप्त है। जिसकी वैकल्पिक व्यवस्था हेतु आदर्शनगर से होकर एक रपटे का निर्माण कराया गया था, लेकिन उक्त रपटा बनने के बाद से ही चर्चायो में रहा। यहां तक कि बरसात की पहली बारिश में ही उक्त रपटा बह गया था, जिसके कारण लाखों रुपये के बजट पर भी पानी फिर गया था। अब फिर रपटा प्रकरण शुरू होते ही चर्चाओं में आ गया। इस बार रपटे पर मिट्टी डालकर उसका रपटा तैयार किया गया, लेकिन उसका बेस मजबूत न होने के कारण उक्त रपटा उबड़ खाबड़ हो गया। आज इसी कारण तीन वाहन, जिनमें एक सरकार बस, एक निजी बस व एक आलू से भरा ट्रैक्टर ट्राली धंस गए। बसे धंसने से यात्रियों को भारी परेशानी उठानी पड़ी। घंटो की मशक्कत के बाद जेसीबी मशीन से उक्त बसों व ट्रैक्टर ट्राली को निकाला गया। वहीं अधिकारी इस ओर से कुछ भी कहने से बचते नजर आए। कुल मिलाकर जनता की मुसीबतें किसी भी तरह से आसान नजर नही आ रहे।
