रुड़की। धार्मिक स्थल पर तोड़फोड़ और मारपीट मामले में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अलग ढांग से अपना विरोध जताया और महात्मा गांधी की मूर्ति के समीप एकत्र होकर हाथों में स्लोगन लेकर और आंख, मुंह एवं कानों को बन्द करके प्रदर्शन किया।

रुड़की गांधी वाटिका स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा पर सांकेतिक धरना प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस नेता प्रोफेसर डीपी सैनी ने कहा कि 2 अक्टूबर को पूरे देश में अहिंसा दिवस मनाया गया लेकिन उसके अगले दिन ही रुड़की शहर में कुछ लोगों द्वारा हिंसा को अंजाम दिया। उन्होंने कहा कि गांधी को पूजने वाले लोग इस प्रकार की हिंसा करें, तो उन्हें वह किसी कीमत पर शोभा नहीं देता। उन्होंने कहा कि हम प्रार्थना करते हैं कि हिंसा करने वाले लोगों को सद्बुद्धि प्राप्त हो और वह महात्मा गांधी के सामने खड़े होकर आत्ममंथन कर क्षमा मांगे। उन्होंने कहा कि केवल गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें पूजना आवश्यक नहीं है, बल्कि गांधी को अपनाना जरूरी और आत्मसात करने की आवश्यकता है। साथ ही कहा कि आज पूरी रुड़की एक हिंसा की घटना के कारण हिला हुआ है। कहा कि अगर इस प्रकार की अशांति लोग पफैलाएंगे उससे विश्व मंे हमारा नाम तो खराब होगा ही, साथ ही भाईचारा भी खराब होगा। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों ने संविधान को चोट पहुंचाने का प्रयास किया। इस प्रकार की घटना को अंजाम देने वालों को सोचना चाहिए कि देश में अहिंसा और भाईचारा कायम रहे। एडवोकेट राजेंद्र चैधरी ने कहा तीन तारीख को रुडकी में जो हिंसा की गई है। इससे सत्ता ने यह मान लिया कि वह अपने अनुसार ही देश चलाएगी, न कोई अपने धर्म के अनुसार पूजा पाठ कर पायेगा और न ही जीवन जी पायेगा। कहा कि सरकार में शामिल यह लोग न कानून में विश्वास रखते हैं और न ही संविधान में। इस अवसर पर कुणाल मोहन, आरजू, वैभव सैनी, आशीष, अमित, अँजेश कुमार, अजय चैधरी आदि मौजूद रहे।

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