रुड़की। ( आयुष गुप्ता ) रानीपुर कोतवाली पुलिस ने भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के जिलाध्यक्ष के आवास पर कुर्की नोटिस की घोषणा के आदेश चस्पा किये हैं। वहीं भाजपा जिलाध्यक्ष ने इसे पुलिस की गलती बताया। उनका कहना है कि चस्पा किये गये आदेश में जो नाम लिखा हैं, वह उनका नहीं हैं और यह नोटिस किसी ओर का हैं। इसके साथ ही तीन अन्य लोगों के घरांे में भी यह नोटिस चस्पा किये गये हैं।
सोमवार को रानीपुर पुलिस गंगनहर कोतवाली क्षेत्र के पाडली गुर्जर गांव पहंुची, जहां उन्होंने भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के जिलाध्यक्ष बहरोज आलम के घर नोटिस चस्पा किये। इसके साथ ही नोशाद पुत्र समसद, मुस्तकीम पुत्र फारूख व मुदस्सिर पुत्र अशरफ के घर पर धारा-82 (जिसके तहत उद्घोषणा या कुर्की की कारवाई की प्रक्रिया शुरू होती हैं) के नोटिस चस्पा किये। चारों को 31 जनवरी को कोर्ट में पेश होने की हिदायत दी गई थी और पेश न होने पर मामले में अग्रिम कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई थी। वहीं नोटिस चस्पा होने की बात क्षेत्र में आग की तरह फैल गई। नोटिस के संबंध में पूछे जाने पर जिलाध्यक्ष बहरोज आलम ने बताया कि पुलिस गलतफहमी में उनके घर नोटिस चस्पा करके गई हैं। नोटिस बहरोज पुत्र बाबूराम के नाम का हैं, जबकि उनके पिता का नाम असलम हैं। जिलाध्यक्ष बहरोज का कहना है कि नोटिस में लिखे नाम का कोई व्यक्ति पूरे गांव में नहीं रहता। जिलाध्यक्ष का कहना है कि वह घर नहीं है और पार्टी के पदाधिकारियों को अवगत करवा दिया गया हैं। वहीं प्रभारी निरीक्षक नरेन्द्र सिंह बिष्ट ने बताया कि जो नोटिस आये हैं, उन्हें चस्पा किया गया हैं। रानीपुर कोतवाली के उप-निरीक्षक इन्द्र सिंह गडिया ने बताया कि उक्त सभी चारों आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में मारपीट का एक पुराना मामला चल रहा हैं। इस संबंध में कोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान लगातार गैर हाजिर होने पर कोर्ट ने एनबीडब्ल्यू के नोटिस जारी किये। कोर्ट के आदेश के बाद चारों के घर धरा-82 कुर्की की उद्घोषणा के नोटिस चस्पा किये गये। नोटिस में चारों को 31 जनवरी को कोर्ट में पेश होने को कहा गया हैं। अगर यह कोर्ट में पंेश नहीं होते, तो कुर्की की कार्रवाई की जायेगी।