रुड़की।
राजपूत महासभा (रजि.) रुड़की द्वारा गुर्जर प्रदेश के अधिपति राजपूत सम्राट मिहिर भोज परमार जी की जयंती उनकी मूर्ति के सामने दीप प्रज्वलित कर मनाई गई।
इस अवसर पर राजपूत महासभा के अध्यक्ष प्रमोद पुंडीर ने बताया कि गुर्जर प्रदेश के अधिपति मिहिर भोज (830-885 ई) अथवा प्रथम भोज गुर्जर प्रतिहार राजवंश के राजा थे। जिन्होंने भारतीय उप-महाद्वीप के उत्तरी हिस्से में लगभग 49 वर्षों तक शासन किया। इनकी राजधानी कन्नौज (वर्तमान में उत्तर प्रदेश) में थी। इनके राज्य का विस्तार नर्मदा के उत्तर में और हिमालय की तराई तक था, जो पूर्व में वर्तमान बंगाल की सीमा तक माना जाता है। भोज को प्रतिहार वंश का सबसे महान शासक माना जाता है। अरब आक्रमणकारियों को रोकने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। स्वयं एक अरब इतिहासकार के मुताबिक इनकी सेना उस समय की सर्वाधिक प्रबल सेनाओं में जानी जाती थी। इनके पूर्ववर्ती राजा इनके पिता रामभद्र थे। इनके काल के सिक्कों पर आदीवराहा की उपाधि मिलती है, जिससे यह अनुमान लगाया जाता है कि यह विष्णु के उपासक थे। इनके बाद इनके पुत्र प्रथम महेंद्र पाल राजा बने। उन्होंने बताया कि सम्राट मिहिर भोज राजपूत क्षत्रिय थे और गुर्जर नाम केवल गुर्जरादेश के एक क्षेत्र के नाम के कारण प्रयोग किया जाता है। इस अवसर पर डाॅ. अमरदीप सिंह पुंडीर ने बताया कि इतिहासकार दशरथ प्रसाद और डाॅ. गोपीनाथ शर्मा के अनुसार गुर्जर प्रतिहार राजपूत हैं। प्राचीन आर्यों के वंशज हैं। इन्हें क्षत्रिय ही माना जाता है। ग्वालियर के अभिलेखों से यह बात सिद्ध भी होती है। छठवंी शताब्दी के उत्तरार्द्ध में राजस्थान का पश्चिमी भाग गुजरात्रा कहलाता था। इसीलिए गुर्जर प्रतिहार को गुर्जरीश्वर भी कहा गया। शिलालेखों में भी हर जगह गुर्जर प्रतिहारओं के नाम का प्रयोग मिलता है। इसका निष्कर्ष नामी इतिहासकारों ने भी दिया है। उन्होंने बताया कि गुर्जर प्रतिहार का मतलब गुर्जर देश का प्रतिहार। प्रतिहार का मतलब शासक तथा गुर्जर शब्द स्थान वाचक है, जाति वाचक शब्द नहीं है। मतलब साफ है गुर्जर क्षेत्र के प्रतिहार शासक गुर्जर प्रतिहार कहलाए। वहीं उन्होंने कहा कि ‘वह काल था दरबारों का, राजपूत प्रतिहारांे का, वह इतिहास ना बदले स्याही से, जहां इस्तेमाल हुआ तलवारों का’। इस अवसर पर संजय सोम, राजकुमार चैहान, अमित कुशवाहा, दयाराम भाटी, मनोज राणा, रोहित पुंडीर, अभिषेक राणा, नेत्रपाल राणा आदि मौजूद रहे।

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