रुड़की। ( आयुष गुप्ता )
वैसे तो सरकारी अधिकारियों को जनता की सुरक्षा को लेकर अहम जिम्मेदारी निभानी पड़ती है और सरकार द्वारा भी कर्मचारियों को इसी उद्देश्य के साथ तैनात भी किया जाता है, लेकिन जब सांठगांठ कर सरकारी कर्मचारी ही आम जनता के लिए मुसीबत खड़ी कर दें, तो इसे दुर्भाग्य ही कहा जाएगा। ऐसा ही एक मामला राम नगर स्थित गली नंबर 8 में देखने को मिला, जहां विद्युत विभाग ने एक व्यक्ति को निजी लाभ

पहुंचाने के उद्देश्य से उसके शोरूम के कोने पर लगे ट्रांसफार्मर को स्थानांतरण करने की प्रक्रिया सुचारू करते हुए आवासीय गली से 11 हजार की हाईटेंशन लाइन को डालने के लिए पोल लगा दिए है। जबकि गली वासियों को यह तक नहीं बताया कि यह पोल किस लाइन के हैं। जब इसके लिए सुगबुगाहट तेज हुई तो गली वासियों को मालूम हुआ कि इन पोल पर हाईटेंशन लाइन गुजरने वाली है। यह सुनकर उनके होश उड़ गए और उन्होंने आज पार्षद पंकज सतीजा को मौके पर बुलाकर इसका विरोध किया। साथ ही कहा कि यदि यह लाइन यहां से होकर गुजरी, तो वह धरने पर बैठने के लिए बाध्य होंगे। वही पार्षद ने भी गली के लोगों का समर्थन करते हुए इस 11 हजार की लाइन को गलत बताया। इस संबंध में गली के लोगों ने अधिशासी अभियंता उपखंड रामनगर प्रथम को शिकायती पत्र देते हुए इस लाइन को अन्यत्र जगह से होकर डलवाने की मांग की। साथ ही कहा कि यदि यहां से लाइन को डलवाया गया, तो वह गली के लोगों के साथ धरने पर बैठने को बाध्य होंगे। उन्होंने कहा कि हाईटेंशन लाइन के गुजरने से गली में खेलने वाले बच्चे और बुजुर्ग लोगों के लिए बड़ी परेशानी होगी। यही नहीं इसकी हाईटेंशन लाईन होने के कारण लोगों को भी परेशानी झेलनी पड़ेगी। लोगों का कहना है कि यह लाइन इसलिए डलवाई जा रही है, क्योंकि गलि के कोने पर ही एक व्यक्ति का शोरूम बना हुआ है और उसे निजी लाभ पहुंचाने के लिए विभाग ने ट्रांसफार्मर के स्थानांतरण के नाम पर 60 हजार की पर्ची काट दी, जबकि सूत्रों के अनुसार साडे चार लाख वसूले जाने की चर्चाएं है। यह काम इतनी तेजी से होने लगा कि मानो विभाग के अधिकारियों का काम हो। क्योंकि आमतौर पर यदि कोई किसान या अन्य व्यक्ति ट्रांसफार्मर स्थानांतरण की एप्लीकेशन देता है, तो उसकी एप्लीकेशन को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है और जब वह रिश्वत देने के लिए बाध्य हो जाता है, तो फटाक से उनकी एप्लीकेशन को रिसीव कर कार्रवाई शुरू कर दी जाती है, लेकिन यहां इतनी तेजी से काम होना विभागीय कार्यशैली पर भी सवाल उठा रहा है। कुल मिलाकर इस हाईटेंशन लाइन के लगने से लोगों में खतरा बन गया है और वह इसके विरोध में उतर गए हैं।

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