रुड़की। ( आयुष गुप्ता )
चौधरी हरचन्द सिंह आत्माराम एजुकेशन ट्रस्ट क्वाड्रा इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद में मंगलवार को 9वां विश्व आयुर्वेद दिवस हर्सोउल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर संस्थान ने भगवान धन्वतरि की प्रतिमा स्थापित की एवं विधिवत पूजा अर्चना के साथ संस्थान के प्रबन्धक, शिक्षक, चिकित्सक, स्टाफ, इन्टर्न एवं छात्रों ने भगवान धन्वंतरि की प्रतिमा पर पुष्पांजली अर्पित कर उन्हें नमन किया। संस्थान सचिव डॉ० रकम सिह ने अपने उद्बोधन में कहा की कहा कि आयुर्वेद भारतीय संस्कृति की चिकित्सा पद्धति है, जिसका वर्णन वेद शास्त्रों में आदिकाल से वर्णित है। भारतीय शास्त्रों अनुसार समुन्द्र मन्थन के समय विश्व की आरोग्यता एवं मंगल के लिए भगवान धन्वंतरि अपने हाथों में अमृत कलश लेकर प्रकट हुए। जिस दिन को धनतेरस के रुप में मनाया जाता है। इस अवसर पर अकलंक जैन, डॉ० ऋषभ जैन निदेशक ने भी इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त किये और कहा कि भारतीय संस्कृति में स्वास्थ्य का स्थान धन से ऊपर माना जाता रहा है। भगवान धन्वंतरि आरोग्य के देव है। निरोगी व्यक्ति ही संसार के सभी सुखों का भोग कर सकता है। प्राचार्य प्रो० डॉ० जितेन्द्र कुमार राणा ने बताया कि आयुष मंत्रालय भारत सरकार की घोषणा पर 28 अक्टूबर 2016 धन्वंतरि ज्यन्ती को पहली बार आयुर्वेद दिवस के रुप में मनाया गया। भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग (आयुष मंत्रालय के निर्देशन में क्वाड्रा इस्टिट्यूट ऑफ आयुर्वेद में 9वे विश्व आयुर्वेद दिवस पर 23 से 29 नवम्बर 2024 तक आयुर्वेद जागरुकता अभियान, रन फॉर आयुर्वेद, स्वस्थ्य कैम्प, वृक्षारोपण, पोस्टर प्रतियोगिता आदि साप्ताहिक आयुर्वेद फॉर ग्लोबल हैल्थ कार्यकम आयोजित किये गए, जिसका मगलवार को धन्वंतरि ज्यन्ती के साथ समापन किया गया। इस अवसर पर चौधरी विजयपाल सिंह, डॉ० कार्तिकेय सिंह, नरेन्द्र सिंह, डॉ० सौरभ कुमार, डॉ० रजनीकान्त, डॉ० अभिषेक भूषण शर्मा, डॉ० शेरोन प्रभाकर, डॉ० मयक, डॉ० अकित त्यागी, डॉ० भूमि सोनी, डॉ० पारुल, डॉ० योगेश, डॉ० त्रिवेणी, डॉ० आशीष, डॉ० नेहा, डॉ० प्रियंका, डॉ० हर्षा मोहन, डॉ० विपुल, डॉ० पायल, डॉ० आदित्य, डॉ० जितेन्द्र पाण्डेय, डॉ० हिमाद्री, डॉ० पूजा भंडारी, डॉ० प्रतिभा ठाकुर, डॉ० उर्वि कौशिक, शक्ति सिंह, संजय सैनी, संजय कुमार, शाहिद, राहुल, खुशबू शर्मा, मानव भटनागर, शुभम, अर्जुन, भरत, आशीष, आदि मौजूद रहे।