रुड़की। ( बबलू सैनी ) शासन-प्रशासन व स्थानीय प्रशासन की निष्क्रियता के चलते चाईनीज मांझे की बिक्री पर रोक नहीं लग पाई हैं। शहर के चुनिंदा दुकानदार बच्चों को यह खतरनाक मांझा बेच रहे हैं। जिसके कारण कई लोग इस मांझे की चपेट में आकर गम्भीर घायल हो गये हैं। लेकिन शिकायत के बावजूद भी स्थानीय प्रशासन इस ओर कोई ठोस कदम नहीं उठा पाया ताकि इसकी बिक्री पर रोक लग सके। ऐसा ही एक मामला 5 फरवरी के दिन रामनगर गली नं. 1 में सामने आया। जहां रामनगर के पार्षद पंकज सतीजा पैदल ही किसी कार्य से जा रहे थे। तभी अचानक चाईनीज मांझा उनके पैर में फंस गया, उसे निकालने के लिए जैसे ही वह झुके, तभी एक बाईक सवार वहां से गुजरा और मांझे को खींचता हुआ ले गया। इसके कारण पार्षद पंकज सतीजा के पैर में चाईनीज मांझे से गहरा जख्म हो गया, जिसने पैर की हड्डी तक वार किया और वह जमीन पर जा गिरे तथा खून की धारा बह निकली। तभी आस-पास से गुजर रहे लोगों ने बामुश्किल उनके पैर से मांझे को निकाला और अस्पताल ले गये। इस सम्बन्ध में चिकित्सकों ने बताया कि 3 सेंटीमीटर से भी अधिक गहरा जख्म हुआ हैं और पैर की हड्डी को भी नुकसान पहंुचा हैं। आनन-फानन में उनका उपचार सिविल अस्पताल के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. राजकुमार द्वारा किया जा रहा हैं। इस घटना को लेकर रामनगर के लोगों में स्थानीय प्रशासन के खिलाफ भारी रोष पनप रहा हैं। उनका कहना है कि यदि यह मांझा गर्दन में फंस जाता, तो पार्षद की जान भी जा सकती थी। सभी ने एकजुट होकर शासन-प्रशासन से मांग की कि ऐसी दुकानों को चिन्हित किया जाये, जहां पर चाईनीज मांझे की बिक्री होती हैं और अभियान चलाकर उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाये, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके। सनद रहे कि पूर्व में भी अनेक लोग चाईनीज मांझे की चपेट में आकर घायल हो चुके हैं, लेकिन अधिकारियों को इससे कोई सरोकार नहीं हैं। उनके शुभचिंतक उनका हालचाल जानने के लिए अस्पताल पहंुच रहे है।। वहीं हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. राजकुमार ने बताय ाकि चाईनीज मांझा बेहद खतरनाक हैं और इस पर पूर्णतः प्रतिबंध लगना चाहिए।

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