रुड़की। ( बबलू सैनी ) केंद्रीय विद्यालय क्रमांक-1 रुड़की में विज्ञान प्रयोगशालाओं के आधुनिकीकरण के ऊपर विज्ञान के शिक्षकों के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का आयोजन केंद्रीय विद्यालय संगठन, देहरादून संभाग के अंतर्गत क्लस्टर स्तर पर किया गया, जिसमें 6 केंद्रीय विद्यालयों के 25 शिक्षकों ने भाग लिया। इस कार्यशाला का उद्घाटन मुख्य अतिथि के रुप में केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अतुल अग्रवाल ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। सर्वप्रथम प्राचार्य वी0के0 त्यागी ने मुख्य अतिथि का स्वागत पुस्तक प्रदान कर किया। इस कार्यशाला में मास्टर प्रशिक्षक के रुप में 5 शिक्षकों ने, बाकी 20 विज्ञान के शिक्षकों को प्रयोगशालाओं के आधुनिकीकरण तथा नए उपकरणों के प्रयोग के बारे में प्रशिक्षित किया। इस कार्यशाला के महत्व पर प्रकाश डालते हुए प्राचार्य वी.के. त्यागी ने कहा कि समय के साथ विज्ञान प्रयोगशालाओं में विद्यार्थियों को प्रयोग करने की विधियों में परिवर्तन आया है और हमें इसे और आधुनिक बनाने की जरुरत है। तभी हम विद्यार्थियों को रोचक तरीके से सही तकनीकी प्रयोग की जानकारी दे सकते है। हमें उम्मीद है कि ऐसे कार्यशाला के आयोजन से शिक्षकों को अपने आपको अद्यतन करने में सहायता होगी। कार्यशाला में भाग लेने आये विभिन्न विद्यालयों के विज्ञान शिक्षकों को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि तथा केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अतुल अग्रवाल ने कहा कि हमारा मुख्य कार्य विद्यार्थियों के अन्दर छुपी वैज्ञानिक प्रतिभा को पहचान कर उनको प्रेरित करने की है। विद्यार्थी जीवन में अध्यापक द्वारा बोले गये सकारात्मक प्रेरक शब्द उसकी पूरी जिन्दगी को एक नयी दिशा प्रदान कर देते है। अपने धन्यवाद् ज्ञापन में उप प्राचार्या अंजू सिंह ने कहा कि विज्ञान अपने आप में एक ऐसा विषय है, जिसमंे नित नए परिवर्तन होते रहते है और एक शिक्षक होने के नाते हमें हमेशा नई तकनीकों से अपने आपको अद्यतन रखना ही इस कार्यशाला का उद्येश्य है। कार्यक्रम का संचालन पुस्तकालयाध्यक्ष पूनम कुमारी ने किया। साथ ही आज केंद्रीय विद्यालय क्रमांक-1 रुड़की में संस्कृत सप्ताह समारोह का उद्घाटन प्रातः कालीन सभा में विभिन्न कार्यक्रमों के साथ हुआ। इस समारोह को 6 से 16 अगस्त तक मनाया जायेगा। संस्कृत शिक्षिका सुश्री श्रुति पालीवाल के निर्देशन में विद्यार्थियों ने श्लोक गायन तथा हास्य कवि सम्मलेन के द्वारा इस कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर अपने संबोधन में प्राचार्य वी.के. त्यागी ने कहा कि संस्कृत भारत की एक शास्त्रीय भाषा है। संस्कृत को विश्व की अन्य भाषाओं की जननी माना जाता है। दुनियाभर में सिर्फ संस्कृत ही एक ऐसी भाषा है, जो पूरी तरह सटीक है, इसका कारण है इसकी शुद्धता। सभी विद्यार्थियों को संस्कृत भाषा जरुर सीखनी चाहिए।