रुड़की। ( आयुष गुप्ता ) राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान रुड़की द्वारा राजभाषा कार्यान्वयन समिति के निर्देशानुसार संघ की राजभाषा नीति, हिन्दी नोटिस, ड्राफ्टिंग तथा पत्र लेखन विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। स्वागत भाषण डाॅ. मनोहर अरोड़ा वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं राजभाषा प्रभारी द्वारा प्रस्तुत किया गया। कार्यशाला में डाॅ. नरेश मोहन ने व्याख्यान दिया। उन्होंने प्रतिभागियों को राजभाषा, नीति, नियम, उप-नियम तथा राजभाषा कार्यान्वयन के विभिन्न आयामों से परिचित कराया तथा राजभाषा के व्यवहारिक पहलूओं जैसे पत्र लेखन, टिप्पणी लेखन, राज भाषा प्रबन्धन पर भी प्रकाश डाला। कार्यशला का संयोजन अनुवाद अधिकारी प्रदीप कुमार उनियाल तथा संचालन पवन कुमार शर्मा ने किया। यह कार्यशाला बड़ी उपयोगी रही और प्रतिभागियों ने इसकी सराहना की। बाद में कार्यकारी निदेशक डाॅ. मनमोहन गोयल ने सभी प्रतिभागियों को अपना ज्यादा से ज्यादा कार्य हिन्दी में करने के लिए प्रेरित किया तथा कहा कि कार्यशालाएं रोस्टर के अनुसार इसी प्रायोजन से आयोजित की जा रही हैं तथा जिससे हिन्दी का प्रचार-प्रसार बढ़ सके। अब सबका संवैधानिक दायित्व है कि हिन्दी में अधिक कार्य करें, कार्यशालाओं का उद्देश्य तभी पूर्ण होगा। इस कार्यशाला में विभिन्न संस्थानों के पदाधिकारियों जिनमें केद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान रुड़की, भारतीय प्रोद्योगिकी संस्थान रुडकी, पाॅवर ग्रिड काॅरपोरेशन, हिन्दुस्तान पेट्रोलियम, भारत पेट्रोलियम, केंद्रीय विद्यालय क्रमांक 1 व 2, आयकर विभाग समेत अन्य विभागों के प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया। कार्यशाला में सूर्यकांत, रजनीश कुमार गोयल, पवन कुमार, राजेश अग्रवाल, प्रिया गगनेजा, पंकज सक्सेना, धीरज शर्मा, सुभाष चंद, नरेश कुमार, दौलत, राम, टीआर सपरा, संतोष कुमार आदि प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।