रुड़की। (आयुष गुप्ता ) राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बिझौली में पंचम एवं षष्टम दिवस के मौके पर भाषा अभिव्यक्ति, वाक पटुता, कौशल विकास, बोलना एवं विचार व्यक्त करने में छात्र- छात्राओं को प्रोत्साहित किया गया। कार्यक्रम में भाषा ओर समुदाय, भारतीय भाषा का उपयोग, सम्प्रेषण तथा क्रियात्मक कार्यों, भाषा परंपरा आधारित होती है। इसके साथ ही समुदाय में व्यक्ति निवास करता है। उसी आधार पर भाषा का प्रमाण प्रभाव होता है। शिक्षक अशोक पाल सिंह ने कहा कि गांव का जीवन पूर्णतः सामुदायिक होता है तथा कहा कि रोमन भाषा में केले को ‘कलेम पलम’ कहते है। नेपाली मंे ‘करा’ कहते हैं तथा गढ़वाली में आज भी नमक को ‘नूण’ कहते है। क्रिया जाने को ‘जानू खाणू’ आदि प्रयोग किया जाता है। इस मौके पर छात्र छात्राओं को क्रियात्मक गतिविधियां कराई गई। इस मौके पर पर्यावरण मित्र शिक्षक अशोक पाल सिंह, डाॅ. कमलकांत बरूवा, इसराना, प्रतिभा, आरती, खुशी, वंश, क्रिश, अक्षय, आर्यन, हारिश, बादल, आफरीन, सोनम, कहकशा, शाहिद, अरमान, पिंकी आदि मौजूद रहे।