रुड़की। ( भूपेंद्र सिंह ) वर्चुअल माध्यम से गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर नगर निगम रुड़की की और से कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कवि सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए महापौर गौरव गोयल ने कहा हमें आजादी के दीवानों को हमेशा याद रखना चाहिए, जिनकी शहादत से देश ने स्वतंत्रता पाई। उन्ही के त्याग और बलिदान के कारण आज हम खुली हवा में सांस ले रहे है। मुख्य अतिथि अंतर्राष्ट्रीय कवि सतीश शास्त्री ने काव्य पाठ करते हुए कहा ‘‘विहिरो बिहारी की विहार वाटिका में चाहे, शुर की कुटी में अड़ आसान जमाइए, देश के शहीदों को प्रतिदिन सीस झुकाइए’’! वीर रस के कवि किसलय क्रांतिकारी ने हुंकार भरते हुए कहा ‘‘तिरंगा हो कफन मेरा यही अरमान रखता हूं, मैं भारती मां का सदा सम्मान करता हूं, शहीदों की शहादत का सदा गुण गान करता हूं, अखंड स्वतंत्रता की निस्दिन कामना करता हूं’’!! वरिष्ठ कवि सुबोध पुंडीर ‘सरित’ ने कहा ‘‘मैं सोच रहा हूँ, भारत ने प्रगति का शिखर छुआ होता, गांधी-सुभाष जुड़ जाते तो भारत कुछ और हुआ होता, गांधी तो धर्म ध्वजा से थे करुणा, समता, सच्चाई के थे, बोस शक्ति की दीपशिखा, आदर्श पुरुष तरुणाई के’’!! इस अवसर पर डॉ. मधुराका सक्सेना, नरेश राजवंशी, एस.के. सैनी, सुबोध पुंडीर ‘सरित’, हरिप्रकाश खामोश, डॉ. योगेन्द्र नाथ शर्मा ‘अरुण’, कृष्ण सुकुमार, डॉ. आनंद भारद्वाज, डॉ. शालिनी जोशी पंत, पंकज गर्ग, अफजल मंगलोरी, पंजक त्यागी, अजय त्यागी, प्रवीण पूरी, नीरज नैथानी, श्रीमती अलका घनशाला, महावीर ‘वीर’, विनय प्रताप, रविन्द्र सैनी, मनीष कुमार, आदित्य वीर, विकास चौधरी, के.पी अनमोल, डॉ. श्रीगोपाल नारसन, डॉ. अनिल शर्मा, राजकुमार ‘राज’ उपाध्याय, विनीत भारद्वाज, डॉ. सम्राट सुधा, डॉ. घनश्याम बादल, श्रीमती अनुपमा गुप्ता, राजेंद्र कुमार सैनी ‘राज’, रामशंकर सिंह, अल्तमश अब्बास, नवीन शरण ‘निश्चल’, सौ सिंह सैनी, दिनेश कुमार वर्मा ‘डी.के’, डॉ. अशोक शर्मा ‘आर्य’, रामकुमार सैनी, शौर्य भटनागर, मयंक वर्मा, ध्रव गुप्ता, कुमारी राजश्री आदिन ने भी अपनी-अपनी कविताओं का काव्य पाठ किया। सम्मेलन का संचालन किसलय क्रांतिकारी ने किया।