रुड़की।  ( बबलू सैनी ) कल शाम रुड़की नगर के एक होटल में हिंदी साहित्योदय संस्था द्वारा ‘एक शाम डॉक्टर उर्मिलेश शंखधार के नाम’ कवि सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसमें अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त महान कवि एवं साहित्यकार डॉ. उर्मिलेश शंखधार को उनकी पुण्यतिथि पर काव्य के माध्यम से श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस कवि सम्मेलन की अध्यक्षता दिल्ली से आए प्रसिद्ध गीतकार डॉ. जय सिंह आर्य ने की तथा कवि सम्मेलन का संयोजन एवं संचालन नगर के प्रसिद्ध युवा कवि विनय प्रताप सिंह ने किया। इस कवि सम्मेलन में दिल्ली से डॉक्टर जय सिंह आर्य, बुलंदशहर से डॉक्टर आलोक बेजान, हापुड़ से राजकुमार सिसोदिया अतिथि कवि के रुप में पधारे तथा इनके साथ-साथ रुड़की नगर के प्रसिद्ध गजलकार पंकज गर्ग, ओज के प्रसिद्ध कवि किसलय क्रांतिकारी, प्रसिद्ध गीतकार राम शंकर सिंह, हास्य कवि दिनेश शर्मा डीके युवा कवि विनीत भारद्वाज ओज कवि रामकुमार सैनी, प्रसिद्ध गीतकार हरि प्रकाश शर्मा ‘खामोश’, युवा कवि रामकुमार राम तथा प्रसिद्ध कवि विनय प्रताप सिंह ने काव्य पाठ किया। श्रोताओं से खचाखच भरे हॉल में सभी ने डॉक्टर उर्मिलेशधार को श्रद्धांजलि अर्पित की तथा सभी कविगणों ने काव्य पाठ किया। इस अवसर पर हिंदी साहित्योदय संस्था द्वारा डॉक्टर उर्मिलेश शंखधार स्मृति सम्मान दिल्ली के प्रसिद्ध गीतकार डॉ. जय सिंह आर्य को प्रदान किया गया। इस बार यह पुरस्कार प्रथम बार दिया गया तथा प्रतिवर्ष एक साहित्यकार को एक बड़े कवि सम्मेलन में यह पुरस्कार दिए जाने की घोषणा संस्था द्वारा की गई। इस अवसर पर युवा कवि विनय प्रताप सिंह ने अपने गुरु डॉक्टर उर्मिलेश शंखधार को उन्हीं की रचनाओं का पाठ करके भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। विनय प्रताप सिंह ने जब डॉक्टर उर्मिलेश शंखधार की रचना ‘गाएंगे गाएंगे हम वंदे मातरम’ पढ़ी तो सभी श्रोताभाव विभोर हो गए।

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