रुड़की। ( आयुष गुप्ता ) वादी दिनेश चन्द्र राजकीय उप-निरीक्षक तहसील भगवानपुर द्वारा भगवानपुर थाने में तहरीर दी गई कि 20 जनवरी को अभियुक्त तनवीर पुत्र रियासत, अमरीश पुत्र रियासत, राकिब पुत्र यासीन, बाद्दा पुत्र नूरहसन, इलताफ पुत्र नूरहसन द्वारा एक राय होकर शासकीय कार्यवाही के दौरान बाध उत्पन्न कर खनन से भरी टैªक्टर-ट्राली को खाली कर मौके से फरार हो गये। इस संबंध में थाने पर विभिन्न धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया गया। जिसकी विवेचना दरोगा ऋषिकांत पटवाल द्वारा की जा रही हैं। वहीं पुलिस इन खनन माफियाओं की धरपकड़ के लिए टीम बनाकर लगातार छापेमारी कर रही हैं। लेकिन कुछ माफिया अपने बचाव के लिए रास्ता तलाशने मंे लगे हैं।
वहीं दूसरी ओर आज साउद पुत्र आलिम निवासी छोटी लामग्रंट द्वारा भगवानपुर थाने में तहरीर दी गई कि ग्राम दादूबास निवासी गयूर पुत्र राणा खनन का काम करता हैं तथा अन्य लोगों से भी कराता हैं। आज मेरे द्वारा साजिल पुत्र यासीन निवासी ग्राम छोटी लाम को अपने टैªक्टर में खनन सामग्री भरकर लाते हुए रोका, तो गयूर पुत्र राणा, हैदर पुत्र शेर अली, शाहरूख पुत्र शेर अली निवासीगण दादूबास, साजिद पुत्र यासीन निवासी छोटी लाम द्वारा मेरी दीवार तोड़ दी गई तथा खनन रोकने के दौरान गाली-गलौच करते हुए मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी। इस संबंध मंे पुलिस द्वारा धारा 323, 427, 504, 506 भादवि में मुकदमा पंजीकृत किया गया। जिसकी जांच दरोगा दीपक चैधरी द्वारा की जा रही हैं। अब इस मामले में पुलिस की कार्यशैली संदेह के घेरे में आ रही है कि जब पीड़ित साउद और राजस्व उप-निरीक्षक की तहरीर पर विभिन्न धाराओं में थाने पर मुकदमा दर्ज किया गया हैं। तो उक्त आरोपियों का शांतिभंग में चालान किस आधार पर किया गया। यह मामला चर्चाओं में हैं। साथ ही पुलिस ने आनन-फानन में पीड़ित का भी शांतिभंग में चालान कर दिया। जो पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगा रहा हैं।

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