रुड़की। ( आयुष गुप्ता )
उत्तराखंड राज्य आन्दोलनकारी संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष हर्ष प्रकाश काला ने कहा कि आज राज्य सरकार में आन्दोलनकारी द्वयाम दर्जे का बनकर रह गया है। उक्त विचार आज उन्होंने ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रुड़की कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन के दौरान व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार उनकी मांगों को लेकर गंभीरता नही दिखायेगी, तब तक उनका धरना जारी रहेगा। काला ने कहा कि रुड़की के राज्य संघर्ष में संघर्षरत आन्दोलनकारियों का चिन्हीकरण न होना बहुत ही खेद की बात है, जबकि 31 दिसम्बर 2021 में रुडकी एवं हरिद्वार के 475 राज्य आन्दोलनकारियों की सूची दो प्रशासनिक अधिकारियों एवं दो वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारियों की संस्तुति के अन्तर्गत फाइनल हो चुकी है, फिर सरकार चिन्हीकरण क्यों नहीं कर रही है। इससे आन्दोलकरी स्वंय को अपमानित महसूस कर रहे हैं। जबकि मुख्यमंत्री धामी प्रत्येक मंच से चिन्हीकरण एवं एक समान पेंशन की घोषणा करते आ रहे हैं। मुख्यमंत्री का प्रथम कार्यकाल के साथ दूसरे कार्यकाल का भी दो वर्ष होने को है, जबकि 10% क्षैतीज आरक्षण भी सरकार द्वारा लटकाया जा रहा है, जो सरकार के हित में नहीं है। केन्द्रीय महासचिव एड. प्रेम दत्त गोदियाल ने कहा कि सरकार की मंशा आन्दोलनकारियों को सम्मान न देने की है। सरकारें चाहे भाजपा की हो या कांग्रेस की सभी ने आन्दोलनकारियों के साथ छलावा किया है, जो अब किसी भी स्थिति में सहनीय नहीं है। जिसका परिणाम आगामी लोक सभा चुनाव में राज्य आंदोलनकारी दिखायेंगे। बासुदेव पन्त पूर्व प्रधानाचार्य बीएसएम इंटर कालेज ने सरकार को चेतावनी दी कि सरकार आन्दोलनकारियों की उपेक्षा करना छोड़ दे एवं आन्दोलनकारियों की मांगों का शीघ्र शासनादेश कर निस्तारण करे, साथ ही सरकार में राज्य आंदोलनकारियों को पद देकर सम्मान दे, जो समय-समय पर राज्य आंदोलनकारियों की समस्या को सरकार के समक्ष रख सके। इस अवसर पर सरोज थपलियाल, कविता रावत, शकुन्तला सती, अमृता खनसाली, बसन्ती चमोली, हेमन्त बर्थवाल, शान्ति बिष्ट, मोहन सांवन्त, प्रदीप बुडाकोटी, बसन्त जोशी, रमिता पटवाल भुवन चंद्र जोशी, सत्यभामा जुगराण, शर्मिला कण्डारी, रामेश्वरीखन्तवाल, रेखा नेगी भागुली सुरमा आदि ने विचार रखे एवं राज्य आन्दोलनकारियों की मांगों को शीघ्र पूरा करने की मांग की। इस अवसर पर एएसडीएम विजय नाथ शुक्ल को मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन दिया गया। धरने में माणिक लाल, अनुसुइया प्रसाद चमोली, दर्शनी पालीवाल, लक्ष्मी बिष्ट, आनन्दी नेगी, सरोजनी बर्थवाल, बीरा नेगी, पार्वती रावत, भारती रौतेला, गोदाम्बरी ध्यानी, होमी जोशी, पुष्पा भट्ट, देवेश्वरी खंडूरी, दीपक सिंह, नन्दा रावत, जसोदा बलूनी, मनोरमा पन्त, नीमा किरोला, सर्वेसरी चमोला, सीता देवी आदि सैकड़ों राज्य आंदोलनकारी उपस्थित रहे। संचालन प्रेम दत्त गोदियाल एवं अध्यक्षता केन्द्रीय अध्यक्ष हर्ष प्रकाश काला ने की।

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