रुड़की। ( आयुष गुप्ता )
अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के बैनर तले आज ऊर्जा निगम के अधिकारी और कर्मचारियों ने अधीक्षण अभियंता कार्यालय परिसर में यूपी सरकार के निजीकरण के फैसले के विरोध ओर कमियों के समर्थन में नारेबाजी की ओर प्रदर्शन किया। साथ ही इस कदम की जमकर निंदा भी की।
प्रदर्शन को संबोधित करते हुए अधिशासी अभियंता अनिल कुमार मिश्रा ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा ऊर्जा निगम की दो इकाइयों को निजी हाथों में सौंपा गया, जो बेहद ही चिंतनीय है। उन्होंने कहा कि इसका उदाहरण उड़ीसा में भी देखने में आया, जहां यह पीपी मोड का प्रोजेक्ट फेल नजर आया और अब उत्तर प्रदेश के ऊर्जा निगमों की बारी है। उन्होंने कहा कि अधिकारी, कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा उत्तर प्रदेश के कर्मचारियों के साथ है और आज उत्तराखंड प्रदेश के कई हिस्सों में प्रदर्शन किया गया और सरकार को चेताया गया। साथ ही सरकार के इस कदम की भी जमकर निंदा की। वही संचालन कर रहे दीपक शांडिल्य ने कहा कि सरकार का यह कदम गलत है, इससे कर्मचारियों में निराशा है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की सरकारों ने हजारों करोड रुपए से इन इकाइयों के सुदृढ़ीकरण और सौंदर्यकरण किए हैं, लेकिन अब इन्हें कौड़ियों के भाव में निजी हाथों में सौंपा जा रहा है, जो कहीं ना कहीं सरकार की मंशा पर सवाल खड़ा करता है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार को लगता है कि निजीकरण में ज्यादा बेनिफिट है, तो वह एक बार सरकार का भी निजी तौर पर ट्रायल करके देख ले। प्रदर्शन करने वालों में अधीक्षण अभियंता अमित कुमार शर्मा, ई ई अनूप सैनी, विनोद पांडे, एसडीओ अश्वनी कुमार, आकाश कुमार, अनिता सैनी, अभिनव सैनी, मांगेराम, अंकिता, कुंती देवी, दिनेश चंद तिवारी, दिगंबर ध्यानी, सोनू सिंह, अनिल दुबे, अजय कुमार शिंदे, नसीम, हेमलता, नीरज, निर्भय कुमार, पुष्कर सिंह, सुमित यादव, अमित, रूपेश, दुष्यंत, सोहेल, जमीर खान, प्रदीप नेगी आदि मौजूद रहे।

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