रुड़की। ( बबलू सैनी ) 2022 के विधानसभा चुनाव में मुस्लिम यूनिवर्सिटी खोले जाने का ब्यान देकर चर्चाओं में आये आकिल अहमद ने कहा कि कांग्रेस प्रदेश में उनके ब्यान से नहीं बल्कि अपनी कमियों के कारण हारी। उन्होंने कांग्रेस पर टिकट बेचे जाने का भी आरोप लगाया। साथ ही कहा कि वह अपने व्यक्तिगत खर्च से प्रदेश में मुस्लिम यूनिवर्सिटी खोलंेगे, जिसकी नींव 2024 के बाद रखेंगे। इस दौरान उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ने का भी दावा किया।
कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं औद्योगिक विभाग के संयोजक आकिल ने कहा कि उन्होंने सहसपुर विधानसभा सीट से टिकट की दोवदारी पेश की थी, ऐन वक्त पर उनका टिकट काटा गया, तो जनता के कहने पर उन्होंने निर्दलीय पर्चा भरा। नाम वापसी के लिए पूर्व सीएम हरीश रावत, प्रदेश प्रभारी देवेन्द्र यादव समेत अन्य नेताओं ने गुजारिश की, जिसके बाद उन्होंने अपनी शर्त रखी, जिसमें विधानसभा क्षेत्र से संबंधित 10 मांगे थी, उसमें मैडिकल कॉलेज खोलने, सड़कें आदि में एक मांग विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिम यूनिवर्सिटी खोले जाने की थी। किन्तु भाजपा ने इसे गलत तरीके से पेश किया। कहा कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष, मुख्यमंत्री से लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष ओर प्रधानमंत्री तक ने इस मांग को मुद्दा बना लिया और पूर्व सीएम हरीश रावत के नाम के साथ इसे जोड़ दिया। आदिल ने कहा कि कांग्रेस संगठन के सामने जब उन्होंने यह मांग रखी थी, तो उन्होंने भी इसे गम्भीरता से नहीं लिया ओर न ही घोषणा पत्र में शामिल किया। उन्होंने कहा कि उन्होंने कोई गलत मांग नहीं की थी। एक शिक्षा का स्थान खोला जाना कोई गलत नहीं हैं। अगर मुस्लिम यूनिवर्सिटी खोली जाती हैं, तो इसमें गलत तो कुछ भी नहीं हें। कहा कि अब यह मुद्दा जब गर्म हो गया हैं, तो वह मुस्लिम यूनिविर्सटी खोले जाने की लड़ाई मजबूती के साथ लड़ेंगे और 2024 के बाद स्वयं वह मुस्लिम यूनिवर्सिटी की नींव रखेंगे। कहा कि कांग्रेस के बड़े नेताओं ने हार का ठींकरा उनके सिर फोड़ा हैं। यह नेता सिर्फ अपनी कमियां छिपा रहे हैं। आरोप लगाया कि कांग्रेस नेताओं ने चापलूसी करने वाले और अपने करीबियों को टिकट दिये, इसके साथ ही टिकट बेचे भी गये। कांग्रेस ने मुस्लिमों को वोट के लिए इस्तेमाल किया हैं। पूरे प्रदेश में 35 सीटें मुस्लिम प्रभावित हैं, लेकिन केवल मंगलौर व कलियर में मुस्लिम प्रत्याशी लड़ाये जाते हैं। आकिल ने कहा कि 5 राज्यों में क्या कांग्रेस उनके ब्यान की वजह से चुनाव हारी। हरीश रावत ने कहा कि उन्हें प्रदेश उपाध्यक्ष किसने बनाया, अगर उन्हें यह पूछना हैं, तो प्रदेश प्रभारी से पूछें। अगर उन्हें हार का जिम्मेदार माना जा रहा हैं, तो संगठन उन्हें निष्कासित कर दें। उन्होंने कहा कि वह हरिद्वार से लोकसभा का चुनाव भी लड़ेंगे। अब चाहे हरीश रावत या राहुल गांधी भी उन्हें मनाने आये, तो नहीं मानूंगा। वार्ता में राजू तोमर, भूरा पहलवान, हाजी मोहम्मद अली, हारून, इमरान, इमरान खान, मोमिन, राशिद, इसरार, गफ्फार आदि लोग मौजूद रहे।