रुड़की। ( आयुष गुप्ता ) राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान रुड़की द्वारा 45वां स्थापना दिवस समारोह मनाया गया। इस मौके पर समारोह के मुख्य अतिथि डाॅ. कमल किशोर पंत निदेशक आई.आई.टी. रुड़की रहे तथा अध्याक्षता डाॅ. सुधीर कुमार निदेशक राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान रुड़की द्वारा की गई। समारोह का संचालन डाॅ. पुष्पेन्द्र कुमार सिंह वैज्ञानिक-डी तथा डाॅ. अंजली वैज्ञानिक-बी द्वारा संयुक्त रुप से किया गया। समारोह में संस्थान द्वारा रचित जल-स्तुति का गायन संस्थान कार्मिकों के समूह डाॅ. एम.के. गोयल, वैज्ञा. जी, पदम कुमार शर्मा, आशीष कुमार बनर्जी, श्रीमती निशा किचलू, श्रीमती प्रिया गांधी द्वारा किया गया। गायन उपरांत स्थापना समारोह का विधिवत शुभारम्भ मुख्य अतिथि डाॅ. कमल किशोर पंत निदेशक आई.आई.टी रुड़की, डाॅ. सुधीर कुमार निदेशक राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान रुड़की, डाॅ. अनिल कुमार लोहनी वैज्ञानिक-जी तथा स्थापना समिति के अध्यक्ष, डाॅ. पी.के. सिंह वैज्ञानिक-डी द्वारा संयुक्त रुप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।
डाॅ. अनिल कुमार लोहनी वैज्ञानिक-जी तथा स्थापना समारोह समिति के अध्यक्ष ने बताया कि संस्थान का 16 दिसंबर, 1978 को गठन एक सोसायटी के रुप में किया गया था। संस्थान द्वारा अपने स्थापना उदेश्यों को हासिल करते हुए समय-समय पर भारत सरकार द्वारा दिये गये महत्वपूर्ण टाॅस्कों की प्राप्ति की गई। संस्थान द्वारा पिछले 45 वर्षों में किए गए कार्य में हासिल की गई। पूर्व निदेशक डाॅ. एस. रामाशेष, डाॅ. सतीश चन्द्र, डाॅ. एस.एम. सेठ, डाॅ. के.एस. रामा शास्त्री, डाॅ. के.डी. शर्मा, इं. राजदेव सिंह, डाॅ. शरद कुमार जैन तथा डाॅ. जयवीर त्यागी द्वारा दिये गये संस्थान में योगदान, उनके कार्यकाल में पाई गई विशेष उपलब्धियों के लिए साधुवाद दिया। निदेशक डाॅ. सुधीर कुमार ने कहा कि यह संस्थान जल संसाधन विकास एवं प्रबन्धन के क्षेत्र में विभिन्न पहलूओं पर शोध कार्य कर राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त कर रहा है। आज के समय में यह संस्थान आइएसओ 9001ः2015 में प्रमाणित संगठन है। इस संस्थान के कार्य के उद्देश्य है ‘जलविज्ञान के समस्त पहलुओं पर व्यवस्थित और वैज्ञानिक कार्य करना, कार्य निष्पादन में सहायता प्रदान करना, बढावा देना तथा समन्वयन करना, जलविज्ञान के क्षेत्र में अन्य राष्ट्रीय, विदेशी एवं अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ सहयोग एवं समन्व्य स्थापित करना, सोसाइटी के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए एक शोध और संदर्भ पुस्तकालय की स्थापना करना, उसका रख-रखाव करना और उसमें पुस्तकें, समीक्षाएं, पत्रिकाएं और अन्य प्रासंगिक प्रकाशन उपलब्ध कराना तथा जिन उद्देश्यों के लिए संस्थान की स्थापना की गई है। राष्ट्रीय जलविज्ञान संस्थान की स्थापना जलविज्ञान तथा जल संसाधन के क्षेत्र में शोध एवं विकास कार्यों के लिए की गई थी। विश्व बैंक द्वारा प्रायोजित परियोजना के माध्यम् से राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान राज्य एवं केन्द्र सरकार के विभागों के अनेक अभियन्ताओं, वैज्ञानिकों आदि को प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है। मुख्य अतिथि द्वारा डाॅ. पी.सी. नायक वैज्ञानिक-एफ, डाॅ. एम.एस. राव वैज्ञानिक-एफ, डाॅ. सुरजीत सिंह वैज्ञानिक-एफ, डाॅ. अनुपमा शर्मा वैज्ञानिक-जी आदि वैज्ञानिक/ कर्मचारियों को उनके संस्थान में 25 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण करने पर उन्हें संस्थान द्वारा दिये जाने वाले मोमेन्टो से सम्मानित किया गया तथा संस्थान में राजभाषा में सर्वाधिक हिन्दी कार्य करने के लिए सतही जल जलविज्ञान प्रभाग को चल वैजयन्ती शील्ड प्रदान की गई, जो डाॅ. अनिल कुमार लोहनी वैज्ञानिक-जी एवं प्रभागाध्यक्ष ने प्राप्त की। इस वर्ष क्षेत्रीय केन्द्रों द्वारा शुरू की गई चल वैजयन्ती् शील्ड क्षेत्रीय केन्द्र जम्मू् के अध्यक्ष डाॅ. जोस तथा डाय एमयकेय गोयल, वैज्ञानिक-जी द्वारा प्राप्त् की।