रुड़की। ( बबलू सैनी ) आज बिशंबर सहाय ग्रुप ऑफ इंस्टिट्यूशन ने अपने संस्थान परिसर में एलएलबी अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों के लिए मूट कोर्ट प्रतियोगिता का आयोजन एवं रुड़की न्यायालय परिसर में जाकर विद्वान अधिवक्ताओं से मिलकर वरिष्ठ अधिवक्ताओं का मार्गदर्शन प्राप्त किया। अब अंतिम वर्ष के विद्यार्थी उनकी देखरेख में न्यायालय की कार्यवाही का अवलोकन करेंगे।
इस अवसर पर संस्थान के कोषाध्यक्ष सौरभ भूषण शर्मा ने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि अपने और लोगों के अधिकारों के लिए खड़ा होना अपने पेशे के साथ ईमानदारी है, उनके इन शब्दों से छात्रों को एक नया दृष्टिकोण मिला और हमारे संविधान में एक ऐसी व्यवस्था की है कि जो समाज के प्रत्येक व्यक्ति को सुगम न्याय उपलब्ध हों पाए। इस अवसर पर संस्थान के मैनेजिंग डायरेक्टर गौरव भूषण ने कहा कि मूट कोर्ट प्रतियोगिता में हम एक आभासी न्यायालय के द्वारा कुटुंब न्यायालय की स्थापना कर विभिन्न वाद -विवाद की प्रस्तुति के माध्यम से अनेक मामलों का निस्तारण करते हैं। इस मूट कोर्ट के न्यायाधीश ने अपना निर्णय देकर विद्यार्थियों को विजेता घोषित किया और उन्हें शुभकामनाएं भी दी। इस अवसर पर संस्थान के विधि विभागाध्यक्ष विवेक उपाध्याय ने कहा कि जहां पर पति या उसके संबंधियों द्वारा पत्नी के साथ शारीरिक या मानसिक क्रूरता की जाती है, वहां पत्नी न्यायालय के माध्यम से पति से तलाक की मांग कर सकती है, पत्नी तलाक की डिक्री के पश्चात भी भरण पोषण प्राप्त करने की अधिकारिणी होगी, जब तक कि वह पुनर्विवाह नहीं कर लेती। इस अवसर पर शाहजैब आलम ने कहा कि भारत का संविधान हमेशा शोषितों और वंचित के लिए लड़ने और उनके अधिकार दिलाने वाला है, परन्तु हमें केवल एक अधिवक्ता के रुप में ही नहीं सोचना चाहिए बल्कि एक समाजसेवा के रुप में भी अपनी भूमिका समझनी चाहिए। कार्यक्रम के दौरान मूट कोर्ट प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने वाले छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़कर अपने-अपने मुव्कील के पक्ष में वाद विवाद और दलीलें पेश की। निम्न विद्यार्थियों ने प्रस्तुति दी शुभम, अजय, नगमा, रेखा प्रजापति, शादाब, आशीष वर्मा, इंतजार, अजय यादव, धर्मिष्ठा जोशी, शिखा गौर, वासु तायल, जीवेश, दुष्यंत, अरविंद, अंशुल, शुभम, विवेक चोपड़ा, राजेंद्र, वीएस मोहन, बृजपाल, संध्या राणा शामिल रहे। इस कार्यक्रम में वन्दना सैनी, हुमा, शाहीन, ज्योति बजाज, शबनम, मंजू, मो. आबाद, अक्षय, शाहरुख आदि मौजूद रहे।