रुड़की। ( आयुष गुप्ता )
महापौर पद से इस्तीफा देने के बाद गौरव गोयल (निवर्तमान मेयर) ने अपने आवास पर पत्रकार वार्ता में कई बड़े खुलासे किए। उन्होंने मुख्यमंत्री से साढ़े चार वर्ष के कार्यकाल में नगर निगम में हुए भ्रष्टाचार की एसआईटी जांच की मांग की।
निवर्तमान मेयर गौरव गोयल ने कहा कि रुड़की विधायक प्रदीप बत्रा व पूर्व मुख्य नगर आयुक्त नूपुर वर्मा तथा सहायक नगर आयुक्त चंद्रकांत भट्ट की दखलअंदाजी के चलते नगर निगम के पार्षदों ने गुटबाजी में शहर के विकास में अवरोध पैदा किया। यही वजह रही की शहर का विकास कार्य भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा। कहा कि निर्माण कार्यों की फाइल की वह आईआईटी से जांच कराने के लिए निर्देशित करते थे, लेकिन नगर आयुक्त रहते हुए नूपुर वर्मा ने दस प्रतिशत कमीशन लेकर ऐसी फाइलों के भुगतान किए। उन्होंने कहा कि ऐसे निर्माण कार्यों में नगर आयुक्त रहते हुए नूपुर वर्मा, सहायक नगर आयुक्त चंद्रकांत भट्ट ने मोटा कमीशन लेकर सरकारी धन की बंदरबांट की और विकास कार्यों को भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ाया। उन्होंने आरोप लगाया कि इन अधिकारियों के इस कृत्य के पीछे विधायक प्रदीप बत्रा थे और उन्हीं के संरक्षण में इन दोनों अधिकारियों ने नगर निगम को राजनीति का अखाड़ा बनाया और यही कारण है कि वह आज अपने पद से इस्तीफा देने को बाध्य हुए। वहीं सवाल के जवाब में बताया कि सुप्रीम कोर्ट में जो मुकदमा चल रहा है, उसमें सुको ने उनके प्रकरण को निरस्त करते हुए उन्हें रिलीफ दिया है। उन्होंने कहा कि लीज प्रकरण में जो मामला उन पर थोपा गया है, वह एक षड्यंत्र था और उनकी झूठी ऑडियो वायरल की गई। उन्होंने कहा कि स्वर्ण समाज का वह सम्मान करते हैं लेकिन अगर कोई व्यक्ति महापौर के सम्मान को ठेस पहुंचाने का काम करता है, तो उसका विरोध करेंगे और यही काम पार्षद चंद्रप्रकाश बांटा ने उनकी कुर्सी पर बैठकर किया, जिससे उन्हें काफी मानसिक अवसाद पहुंचा। उन्होंने यह भी कहा कि रुड़की विधायक प्रदीप बत्रा की संपत्ति 100 गुना बढ़ गई है और कहीं उनकी फैक्ट्री है, पेट्रोल पंप है, मकान है, दुकाने हैं। वह अपने कार्यकाल में स्वयं द्वारा की गई एक उपलब्धि का बखान करें। उन्होंने आज तक सिर्फ भ्रष्टाचार कर धन को इकट्ठा किया। विधायक प्रदीप बत्रा अधिकारियों व कर्मचारियों को धमकी दे रहे हैं कि वह मंत्री बनते ही उनका मुंसियारी और बॉर्डर जेसी जगहों पर तबादला कर देंगे जिसके डर से कर्मचारी उनके दबाव में है और उनके कहे अनुसार ही काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो बहुमत शहर की जनता ने उन्हें दिया, वह उसके लिए उनका आभार व्यक्त करते हैं, लेकिन दुखी मन से यह भी स्वीकार करते हैं कि वह उनकी उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाए। उसका कारण यही है कि कुछ लोगों ने राजनीति को शर्मसार करते हुए उनका शोषण करने का काम किया। कहा कि उनके इस्तीफे पर जो पार्षद मिठाई बांट रहे हैं, वह अपने वार्ड में विकास करके बताएं कि वास्तव में वह विकास करा सकते हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से विधायक प्रदीप बत्रा को मंत्री ना बनाने और उनकी जांच कराने की मांग करते हुए रुड़की नगर निगम के बोर्ड को भी भंग करने की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रहे हैं लेकिन नगर विधायक प्रदीप बत्रा जैसे लोग उनकी छवि पर बट्टा लगा रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि जो पार्षद उनका विरोध करते हैं, वह सब ठेकेदारी कर रहे हैं और ठेकेदारी का पैसा कमाकर चुनाव लड़ने की सोच रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह अभी राजनीति से दूर है, लेकिन समाजसेवा जीवन के अंतिम चरण तक करते रहेंगे।