रुड़की। ( भूपेंद्र सिंह )
भाजपा हाईकमान द्वारा टिकट काटने का सवाल पूछे जाने पर बिफरने वाले भाजपा के झबरेड़ा विधायक देशराज कर्णवाल को अब टिकट की अंतिम दौर की लड़ाई में टिकट के लाले पड़ गए है। जिसे लेकर आज उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भेजे पत्र में टिकट की गुहार लगाते हुए कहा कि वह भाजपा के समर्पित कार्यकर्ता है। वह ही है जिनके मकान पर कमल का फूल पत्थर से बना हुआ है। एंटी इनकंबेंसी को लेकर विधायक देशराज कर्णवाल ने लिखा है कि उनकी पत्नी खानपुर विधायक प्रणव सिंह से बड़ी नेता है। अगर प्रणव की पत्नी को टिकट दिया जा सकता है, तो उनकी पत्नी को भी टिकट दिया जाना चाहिए। उन्होंने पत्र में झबरेड़ा विधानसभा के जातीय समीकरण भी लिखते हुए टिकट की संभावना को देखते हुए एक प्रबल प्रत्याशी की जाति का हवाला दिया है। जिसमें उनकी नाम मात्र जाती दर्शाई गई है। कुल मिलाकर विधायक देशराज कर्णवाल जिस उम्मीद के साथ विरोधियों को अपना टिकट कटने की बात पर कभी खुद को गुड, तो कभी एकलव्य की तरह तीर फेंकना बताते थे। अब वह स्वयं टिकट की आखिरी लड़ाई हारते दिख रहे हैं, जिससे अब शायद उन्हें टिकट के लाले पड़ गए हैं।
दिलचस्प बात यह भी है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष को लिखे पत्र में उन्होंने सिर्फ अपने मकान की छत पर कमल का फूल पत्थर से बनवाना बताया है, जबकि जगह-जगह अपने को उत्तराखंड प्रदेश और देश भर में झबरेड़ा को पहले पायदान पर विकास की श्रेणी में लाने का बखान करते रहते थे। आज उन्होंने पत्र में एक दफा भी इस बयान का उल्लेख नहीं किया और सिर्फ कमल के फूल का ही जिक्र किया। ऐसे में शायद हाईकमान को भी लगता है कि विधायक का झबरेड़ा क्षेत्र में विकास करने का वादा झूठा था और अब कहीं ना कहीं देशराज कर्णवाल पर उनके प्रतिद्वंदी भारी पड़ते नजर आ रहे हैं।
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विरोधियों को गुड और एकलव्य बनकर तीर चलाने वाले विधायक कर्णवाल खुद टिकट के चंगुल में फंसे, राष्ट्रीय अध्यक्ष को पत्र लिखकर विकास को नहीं दी प्राथमिकता, सिर्फ बताया “कमल” का फूल बनवाया है छत पर
