रुड़की। हरिद्वार दुग्ध संघ द्वारा राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना के अंतर्गत दुग्ध उत्पादक जागरूकता कार्यक्रम नगर पंचायत लंढोरा के सभागार में आयोजित किया गया। चौधरी डाॅ. रणवीर सिंह की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में पशु पोषण विशेषज्ञ डाॅ. रामदेव यादव ने दुग्ध उत्पादकों को पशु पालन के गुर सिखाए। उन्होंने कहा कि पशु प्रजनन, संतुलित पशु आहार, उचित देखभाल, पशु प्रबंधन एवं रोग उपचार द्वारा अधिक दुग्ध उत्पादन किया जा सकता है। दुग्ध उत्पादन में 70 प्रतिशत खर्च पशु आहार पर होता है, लेकिन सही जानकारी ना होने, संतुलित पशु आहार ना देने के कारण दुग्ध मात्रा एवं दुग्ध की गुणवत्ता में गिरावट आ जाती है। उन्होंने कहा कि दुग्ध की गुणवत्ता वसा एवं वसा रहित ठोस के कारण होती है। हरिद्वार जनपद में खनिज तत्वों की कमी के कारण वसा रहित ठोस कम पाया जाता है। इसके लिए पशुओं को प्रोटीन, माइक्रोन्यूट्रिएंट्स एवं माइक्रोबाॅयल प्रयोग करने की आवश्यकता है। डाॅ. आलोक गुप्ता ने कहा कि स्वच्छता का महत्व पशु और पशुशाला तथा बर्तनों की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने से स्वच्छ दुग्ध उत्पादन किया जा सकता है। डाॅ. राजेंद्र सिंह द्वारा बताया गया कि एनसीडीसी योजना द्वारा दुग्ध उत्पादक सेवा केंद्र खोले जाएंगे। जहां साइलेज विभिन्न कंपनियों का कैटल फीड, कैटल सप्लीमेंट्री, कृत्रिम गर्भाधान एवं दवाइयों का लाभ दुग्ध उत्पादक उठा पाएंगे। चैधरी डाॅ. रणवीर सिंह ने कहा कि सरकार द्वारा दुग्ध उत्पादकों के लिए चलाई जा रही दुग्ध मूल्य प्रोत्साहन राशि 4 प्रति किग्रा आकस्मिक पशु चिकित्सा पशु आहार अनुदान, 4 प्रति किग्रा कथा तीन पशु और पांच पशुओं की यूनिट पर 25 प्रतिशत अनुदान एवं एक पशु हेतु 15 प्रतिशत अनुदान लेकर अच्छी नस्ल के पशु लेकर स्वरोजगार पाए। दुग्ध उत्पादक सरदार साहब सिंह, पवन चैधरी, दिनेश, रामेश्वर प्रधान व प्रशांत द्वारा दुग्ध व्यवसाय की समस्याएं उठाई गई। जिनका निराकरण दुग्ध संघ के प्रधान प्रबंधक गामा शंकर मौर्य द्वारा किया गया। संचालन सहदेव सिंह पुंडीर द्वारा किया गया। कार्यक्रम में डाॅ. मुकेश राजपूत, डाॅ. पूनम बरसीलिया, ईश्वर सिंह, चरण सिंह सैनी, प्रशांत कुमार, दीपक, संदीप, अनुज, संजय, अनीता, कृष्णा, विक्रम सैनी, शिवानी, वंदना पंवार, सुषमा सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे।