रुड़की। ( बबलू सैनी ) रुड़की में तैनात श्रम प्रवर्तन अधिकारी की कार्यशैली पर उनके ही कार्यालय में तैनात लिपिक ने सवालियां निशान लगाया और मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि वह पिछले काफी समय से यहां लिपिक के पद पर कार्यरत हैं, जबसे नये श्रम प्रवर्तन अधिकारी सिरताज रांगड़ आये हैं। उनके द्वारा अपने निजी स्तर पर दिनेश नामक युवक को कार्यालय में रखा हुआ हैं और वह उसी से कार्यालय का कामगाज व फाईलों का रख-रखाव करा रहे हैं। यही नहीं मुझे भी कहा गया है कि अगर उन्हें कोई दिक्कत हैं, तो अपनी परेशानी भी उक्त निजी स्तर पर रखे हुये युवक के समक्ष ही व्यक्त करें। इस पर लिपिक ने कहा कि कार्यालय में गोपनीय पत्रावली व अन्य विभागीय कागजात रखे होते हैं, अगर कहीं कोई गड़बड हुई, तो इसका जवाब वह कैसे देंगे। इस पर श्रम प्रवर्तन अधिकारी भड़क गये और उन्होंने साजिश के तहत उनका स्थानांतरण चमोली जिले में करा दिया। अब सवाल यह उठ रहा है कि एक ओर जहां हाल ही में विधानसभा चुनाव सम्पन्न हुये और सरकार ने अपना कामगाज भी शुरू नहीं किया, इसके बावजूद अकेले लिपिक का स्थानांतरण दुर्गम इलाके में किस आधार पर किया गया। जिससे उक्त अधिकारी की कार्यशैली संदेह के घेरे में आ रही हैं। लिपिक ने यहां तक कहा कि वह कार्यालय की पत्रावली को छोड़कर अन्य कार्य उक्त व्यक्ति से करा लें, लेकिन यहां तो श्रम प्रवर्तन अधिकारी ने अपनी सीमा ही लांघ दी। इस सम्बन्ध में देहरादून में बैठे अधिकारियों से भी उक्त लिपिक ने शिकायत कर न्याय की गुहार लगाई हैं। सनद रहे कि पूर्व में श्रम प्रवर्तन अधिकारी धर्मराज जब तक यहां तैनात रहे, किसी प्रकार की कोई शिकायत कार्यालय कर्मियों द्वारा कभी नहीं की गई। लेकिन उक्त श्रम प्रवर्तन अधिकारी ने अपने अधिकारों का गलत इस्तेमाल कर अपनी भड़ास उक्त लिपिक पर निकाली। जो उनकी घटिया कार्यशैली को दर्शाता हैं। उन्होंने बताया कि न तो उक्त अधिकारी निजी स्तर पर किसी लड़के को रख सकते हैं और न ही वह कोई वाहन अधिग्रहण कर सरकारी कार्यों को कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें अपने निजी वाहन को ही प्रयोग में लाना होता हैं, लेकिन यहां के श्रम अधिकारी सारी हदें पार करते हुए अपने मनमाफिक कार्य कर रहे हैं।