रुड़की। ( बबलू सैनी ) पाडली गुर्जर रेलवे स्टेशन के निकट शक्ति विहार में स्थित शिव शक्ति मां माहेश्वरी गौशाला के संस्थापक/ अध्यक्ष सुधानाथ महाराज ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि गौसेवा करने से मनुष्य के सभी दुःख दूर हो जाते हैं। गाय का दूध पीने से अनेक बीमारियों के साथ ही मनों के विकार खुद बखुद दूर होते हैं। उन्होंने कहा कि गाय का दूध बड़ा पौष्टिक और गुणकारी होता हैं और इसे पीने से मनुष्य हष्ट-पुष्ट रहता हैं तथा बीमारियां उसके नजदीक नहीं फटकती।

लेकिन दुःखद बात यह है कि अधिकतर लोगों ने गाय पालना ही बंद कर दिया हैं तथा अन्य पशुओं की ओर आकर्षित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि हिन्दू धर्म में गौसेवा को सबसे बड़ी सेवा बताया गया हैं। द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण भी ग्वाले के रुप में गईयां चराते थे। जबकि इस कलयुग में चरागाह ही नहीं रहे और लोगों ने इन पर भी डेरा डाल दिया। ऐसे में गईयां कहां चराई जाये, यह भी चिंता बनी रहती हैं। जगह-जगह गौशाला खोली गई हैं, लेकिन धनाभाव के कारण सही तरीके से गाय व उनके बछड़ों की देख-रेख करना बेहद कठिन हैं। समाजसेवी लोगों को समय-समय पर गौशाला पहंुचकर सेवाभाव करना चाहिए तथा चारे आदि का दान कर पुण्य कमाना चाहिए। उनकी गौशाला में भी तीन दर्जन के आस-पास गाय-बछड़े हैं। उन्होने सभी लोगों से आहवान किया कि गौशाला में आकर गउओं की सेवा करें ताकि पापों से मुक्ति मिल सके और भावी पीढ़ी को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित कर उन्हंे संस्कारवान बनायें। साथ ही उन्होंने बताया कि गौमूत्र भी दवा के काम आता हैं। यही नहीं अधिकतर लोग अपने घरों में गाय के गोबर का लेपन करते हैं तथा इसकी खाद भी फसलों को उम्दा बनाती हैं। गाय की देखभाल व रक्षा करना हम सबका परमधर्म हैं। साथ ही उन्हांेने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री गौशालाओं को बढावा देने के लिए एक खाका तैयार करें ताकि सरकारी योजनाओं का लाभ गौशाला पालकों को मिल सके और उनके चारे आदि की व्यवस्था सुचारू रुप से चल सके। इस मौके पर उपाध्यक्ष अरविंद राजपूत, सचिव संदीप जदली, उप-सचिव रवि अग्रवाल, कोषाध्यक्ष सुनील ध्यानी, प्रचार मंत्री अनुराग पंवार व कानूनी सलाहकार दिनेश धीमान आदि मौजूद रहे।

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