हरिद्वार। ( आयुष गुप्ता )
जनाधिकार मोर्चा राजकीय मेडिकल कॉलेज, हरिद्वार के छात्रों के साथ हुए अमानवीय व्यवहार की कड़ी निंदा करता है। यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि शांतिपूर्ण तरीके से अपने अधिकारों और मुद्दों को उठाने की कोशिश कर
रहे छात्रों को कॉलेज प्रशासन और पुलिस द्वारा रोका गया।
मोर्चा की राष्ट्रीय महामंत्री हेमा भंडारी ने कहा कि छात्रों ने स्वास्थ्य मंत्री से मिलने और मुख्यमंत्री कार्यालय जाकर मेडिकल कॉलेज के निजीकरण के खिलाफ अपनी मांगें प्रस्तुत करने का प्रयास किया था। सभी आवश्यक अनुमति लेने के बावजूद, कॉलेज प्रशासन ने उन्हें कॉलेज परिसर से बाहर निकलने से रोक दिया और पुलिस ने उनकी बस को गेट पर रोककर उन्हें जबरदस्ती वापस कॉलेज परिसर में बंद कर दिया। यह न केवल उनके संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि लोकतंत्र पर भी सीधा प्रहार है। जनाधिकार मोर्चा इस मामले में जल्द ही स्वास्थ्य मंत्री को ज्ञापन देकर छात्रों के मुद्दों और उनके साथ हुए अन्याय को प्रस्तुत करेगा। मोर्चा छात्रों के अधिकारों की रक्षा के लिए कानूनी, सामाजिक और नैतिक रूप से हरसंभव सहायता प्रदान करेंगे। यह मामला केवल छात्रों का नहीं, बल्कि पूरे राज्य के भविष्य का है। जनाधिकार मोर्चा छात्रों के साथ खड़ा है और इस मुद्दे को व्यापक स्तर पर उठाएगा। हम राज्य सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग करते हैं और यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि यदि छात्रों के साथ ऐसा अन्याय जारी रहा, तो जनाधिकार मोर्चा राज्यव्यापी आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा। जनाधिकार मोर्चा छात्रों के इस संघर्ष को अपना पूर्ण समर्थन देता है और यह सुनिश्चित करेगा कि उनकी आवाज को दबाया न जा सके।

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