हरिद्वार। ( बबलू सैनी )
कांग्रेस हाईकमान द्वारा प्रत्याशियों की लिस्ट जारी करने के बाद से जनपद में बगावत के स्वर तेज हो गए हैं। वह इसलिए कि कांग्रेस हाईकमान द्वारा निष्ठावान कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर ऐसे लोगों को प्रत्याशी बनाकर चुनावी मैदान में उतारा गया, जो सिर्फ धन बल के सहारे चुनाव मैदान में उतरे है। इसके अलावा उनके पास जनता से जुड़ा कोई दूसरा मुद्दा नहीं है। इससे नाराज ज्वालापुर सीट से कांग्रेस प्रत्याशी पद के प्रबल दावेदार एसपी सिंह इंजीनियर ने हाईकमान के निर्णय का विरोध करते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया और कहा कि पिछले 25 सालों से पार्टी को सींचकर इस मुकाम तक खड़ा करने में अहम योगदान देते आए हैं और आज जब उन्हें इसका फल मिलने का समय आया, तो हाईकमान ने यह हक किसी और को दे दिया, जो एक निष्ठावान कार्यकर्ता की भावनाओं पर कुठाराघात है। उनके टिकट कटने से क्षेत्र के लोगों में भी अच्छा खासा रोष है और गणमान्य लोगों की बैठक में सभी ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का आह्वान किया। जिसके बाद उन्होंने आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष से संपर्क किया ओर ज्वालापुर सीट से टिकट मांगा। जिसके बाद घंटों चली बैठक में भी निर्णय लिया गया। बाद में सभी ने सहमति देकर एसपी सिंह को चुनाव लड़ने के लिए प्रोत्साहित किया। सूत्र बतातें हैं कि टिकट कटने की एक वजह राजनीतिक गलियारों में यह भी चल रही है कि एसपी सिंह गुटबाजी का शिकार हुए और हरीश रावत ने अपना दांव खेलकर उनका टिकट कटवा दिया। माना जाता है कि हरीश रावत व एसपी सिंह का सालों से 36 का आंकड़ा चला आ रहा है। 2017 में भी एसपी सिंह ज्वालापुर विधानसभा से हरीश रावत के हाथों से टिकट छीनकर लाए थे, जिसकी टीस हरीश रावत को आज तक थी। यही कारण है कि इस टीस का बदला हरीश रावत ने जमकर उठाया और उनका टिकट कटवा दिया। सर्वे के अनुसार इस बार एसपी सिंह चुनाव जीत रहे थे, लेकिन अब समीकरण और हालात पूरी तरह बदल गए हैं। यदि क्षेत्र की जनता की सहानुभूति और प्यार उनके साथ रहा, तो निश्चित रूप से वह भारी मतों से जीत दर्ज कराएंगे। ज्ञात रहे कि एसपी सिंह कांग्रेस में कई पदों पर रहे और उन्होंने सर्व समाज के साथ राजनीति की तथा दलित समाज के हक की लड़ाई को लड़ते रहैं, लेकिन पहले पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष बरखा रानी और उसके बाद रवि बहादुर को टिकट देना कहीं ना कहीं कांग्रेस पार्टी की टिकट वितरण प्रणाली को भी सवालों के घेरे में खड़ा करता है। ऐसे अनेक मुद्दे हैं जिन पर लोगों की अच्छी खासी चर्चा चल रही है। बहरहाल कुछ भी हो, एसपी सिंह इंजीनियर के चुनाव मैदान में आने से अन्य प्रत्याशियों का गणित बिगड़ता जा रहा है।

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