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वेतन न दिए जाने समेत कई मांगों को लेकर राजाजी टाइगर रिजर्व की समस्त रेंज के आउटसोर्स कर्मियों की अनिश्चित हड़ताल जारी, जिलाध्यक्ष अरुण सैनी ने कर्मियों के धरने को दिया समर्थन

रुड़की। ( आयुष गुप्ता )
आउट सोर्स कर्मियों से परमानेंट कर्मियों की तरह काम लेने के बावजूद उन्हें उनके अधिकारों से वंचित रखा जाता है। एक विभाग में नहीं, बल्कि ज्यादातर विभाग में यही आलम है। अपनी विभिन्न मांगों को लेकर राजाजी टाइगर रिजर्व देहरादून की सभी रेंज (मोतीचूर रेंज, चिल्ला रेंज, गौहरी रेंज, खासन यूनिट हरिद्वार रेंज, कंसरों रेंज, ढोल खंड रेंज, बैरीवाडा रेंज, चिल्ला वाली रेंज एवं रामगढ़ रेंज) में कार्यरत समस्त पीड़ित आउटसोर्सिंग कर्मियों का विगत 6 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार व धरना प्रदर्शन चल रहा है। धरनारत कर्मियों की मुख्य मांगों में ठेकेदारी प्रथा बंद की जाए, 8 महीने का पूर्ण वेतन दिया जाए, वन प्रभागों की भांति उपनल में समायोजन किया जाए, ईपीएफ एवं ईएसआई की पूर्ण जांच की जाए, सरकारी एजेंसी उपनल / पीआरडी/ सेवा योजना के माध्यम से समायोजित किया जाए आदि शामिल है। धरनारत कर्मियों का समर्थन करने पहुंचे किसान मजदूर संगठन सोसाइटी (रज़ि.) के जिलाध्यक्ष अरुण सैनी धरना स्थल चिल्लावाली मोहंड रेंज में पहुंचे और कर्मियों से उनकी मांगो के संबंध में जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने वन मंत्री सुबोध उनियाल को फोन किया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। बाद में जिलाध्यक्ष अरुण सैनी ने खानपुर विधायक उमेश कुमार को संपर्क किया और कर्मचारियों से मिलने के लिए समय मांगा, जिस पर विधायक उमेश ने ( बुधवार )19 अक्टूबर सुबह 11:00 बजे अपने नहर किनारा कार्यालय रुड़की में मिलने का समय दिया। पीड़ित कर्मचारियों ने जिलाध्यक्ष अरुण सैनी को अवगत कराया कि समस्त पीड़ित आउटसोर्सेस कर्मी राजाजी टाइगर रिजर्व से ठेकेदारी प्रथा को बंद करने, लगभग 8 माह का वेतन भुगतान न होने, उज्जवल लेबर कांट्रेक्ट एवं यूनिक सिक्योरिटी सर्विसेज द्वारा इपीएफ एवं ईएसआई में गबन करने व चेक बाउंस होने एवं मानकों से कम वेतन का भुगतान किए जाने के विरोध में 6 अक्टूबर से कार्य बहिष्कार किया गया है। कार्य बहिष्कार पर जाने से पहले समस्त कर्मियों द्वारा लिखित रूप से उपरोक्त के संबंध में विधिवत कार्यवाही करने हेतु संबंधित अधिकारियों व शासन प्रशासन स्तर को पत्राचार के माध्यम से अवगत कराया गया था, लेकिन दुःख का विषय है कि वन बीट अधिकारी संघ/सहायक वन कर्मचारी संघ द्वारा भी सभी को आउटसोर्सिंग कर्मियों की मांगों को जायज मानते हुए लिखित पत्र प्रेषित किया गया था। किंतु उनकी सकारात्मक मांगों के संबंध में पार्क प्रशासन द्वारा अब तक किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं की गई। जिससे हताश होकर पीड़ित कर्मचारी व उनके परिजन दीपावली पर्व मनाने के लिए भी समर्थ नहीं है। कर्मियों ने एकजुट होकर चेतावनी स्वरुप कहा कि अगर कर्मचारियों की मांगों को पूरा नहीं किया गया, तो समस्त आउटसोर्स कर्मचारी अनिश्चितकालीन धरने पर रहेंगे। इस दौरान राजेश, अनुज, मुनेश समेत बड़ी संख्या में कर्मी मौजूद रहे।

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